भारत बायोटेक ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है।
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कंपनी ने एक बयान में कहा, '' वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल कोशिकाओं (सेल्स) के विकास के लिए होता है, लेकिन सार्स सीओवी2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉमूला में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है।''
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भारत बायोटेक ने स्पष्ट किया कि उसकी कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है।
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हैदराबाद स्थित वैक्सीन बनाने वाली स्वदेशी कंपनी ने स्पष्ट किया कि कई दशकों से विश्व स्तर पर टीकों के निर्माण में गोजातीय सीरम का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसने यह भी कहा कि पिछले 9 महीनों से विभिन्न प्रकाशनों में नवजात बछड़ा सीरम के उपयोग को पारदर्शी रूप से प्रलेखित किया गया था।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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