जय शाह की जाईदु कमाई वाली खबर से रोक हट गई है। गुजरात की एक अदालत ने ‘द वायर’ में प्रकाशित खबर ‘द गोल्डन टच ऑफ जय अमित शाह’ को किसी भी तरह आगे बढ़ाने या उस पर किसी तरह की चर्चा करने पर लगी अंतरिम रोक को हटा दिया।
‘द वायर’ ने अमित शाह के बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनके बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 16000 गुना बढ़ जाने को एक खबर प्रकाशित की थी, जिस पर पूरे देश में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई थी। इस खबर के प्रकाशन के बाद मोदी सरकार के मंत्रियों ने सामने आकर सफाई दी थी और जय शाह ने अदालत में अर्जी देकर इस खबर से संबंधित किसी भी किस्म के प्रकाशन और चर्चा पर रोक लगाने की मांग की थी। एक निचली अदालत ने 12 अक्टूबर को जय शाह की याचिका मंजूर करते हुए इस संबंध में आदेश दिया था। इस आदेश के तहत 'द वायर', उसके संपादक और आलेख के लेखक को जय शाह की कम अवधि में बेशुमार कमाई की कहानी को किसी भी तरह आगे बढ़ाने पर रोक लगाई गई थी।
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यह रोक मीडिया के सभी माध्यमों में लगाई गई थी। अदालत ने इस बारे में इंटरव्यू, टीवी बहस समेत अन्य सभी संभावित माध्यमों पर रोक लगई थी। द वायर ने इस 'रोक' को चुनौती दी थी और इसे प्रेस की स्वतंत्रता का हनन बताया था और कहा था कि आलेख में कुछ भी अपमानसूचक नहीं है। वेबसाइट ने कहा था कि यह खबर सार्वजनिक रिकार्ड और जय शाह द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर प्रकाशित की गई थी।
लेकिन शनिवार को अदालत ने अपने आदेश में 'नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद'- वाक्य को छोड़कर बाकी सभी तथ्यों से रोक हटा ली है। वेबसाइट 'द वायर' की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "अदालत के नवीनतम आदेश के अनुसार, अब हम जय शाह के व्यापार के बारे में किसी भी तरह से लिखने और रिपोर्ट करने के लिए स्वतंत्र हैं। साथ ही हम वास्तविक कहानी के साथ सार्वजनिक गतिविधि करने के लिए भी स्वतंत्र हैं।"
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इस मामले की सुनवाई के दौरान जय शाह के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे लोग वास्तविक कहानी को वेबसाइट से हटाने की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह की चर्चा पर रोक की मांग कर रहे हैं। निचली अदालत ने हालांकि इस दलील को खारिज कर दिया।
जय शाह के वकील ने इस मामले को ऊपरी अदालत में ले जाने तक इस चर्चित खबर पर एक माह के लिए रोक लगाने की मांग की, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।
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