कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए 24 मार्च से पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 21 दिन तक पूरे देश को लॉक डाउन करने का ऐलान किया।कोरोना वायरस से निपटने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। देश को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को किए गए लॉक डाउन में लोगों के समर्थन को सराहा और आगे भी उनसे समर्थन की मांग की। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है, कोई रास्ता नहीं है।
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ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस 21 दिन से क्या वाकई कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। इस 21 दिन के लॉक डाउन से होगा क्या? दरअसल लॉक डाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे, जिससे इसके फैलने से रोकना संभव हो पाएगा। लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे तो कोरोना वायरस का संक्रमण एक से दूसरे इंसान में पहुंचने की संभावना कम हो जाएगी। भारत के अलावा और भी कई देशों ने लॉक डाउन के जरिए कोरोना के संक्रमण को काबू में किया है।
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लेकिन जानकारों का कहना है कि सिर्फ 21 दिनों के लॉक डाउन से ही कोराना पर काबू पाना संभव नहीं है। अंग्रेजी अखबार टेलीग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 दिनों का लॉक डाउन भी इस वायरस को खत्म करने के लिए काफी नहीं है। लोगों को इसके बाद भी तमाम तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि लॉक डाउन की वजह से हम इस वायरस को काबू कर सकते हैं या बढ़ने से रोक सकते हैं। कोरोना को फैलने से रोकना है, तो इसके संक्रमण की साइकिल को तोड़ने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स यह भी कह रहे हैं कि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सामजिक दूरी। समाज के लोग एक-दूसरे से अलग-थलग रहेंगे तो यह बीमारी भी उनसे दूर रहेगी।
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बता दें कि हमारे देश में कोरोना के केस में लगातार इजाफा हो रहा है। यह आंकड़ा 600 के करीब पहुंच चुका है। पिछले कुछ दिनों में ही 100 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। हालांकि लॉक डाउन की वजह से लोग इस बीमारी को लेकर और ज्यादा जागरूक हुए हैं और तमाम तरह की सावधानियां बरत रहे हैं। ये और तेजी से न बढ़े इसके लिए लोगों को एक दूसरे से दूर रहना बहुत ज्यादा जरूरी है। सिर्फ यही एक तरीका है इस भयावह बीमारी से खुद को और दूसरों को बचाने का।
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