कोरान वायरस से न सिर्फ आम जन-जीवन पर असर पड़ा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी चौपट होन के कगार पर है। कई सेक्टर तो पूरी तरह से तबाह होने के कगार पर हैं। वहीं आम लोग भी अपने जीवन यापन को लेकर चिंतित दिख रहे हैं। इसी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार से एक बड़े आर्थिक पैकेज की मांग की है।
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राहुल गांधी ने कहा है कि कोरोना वायरस ने हमारे अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रहार किया है। इससे सबसे ज्यादा छोटे कारोबारी प्रभावित हैं। ऐसे वक्त में सिर्फ ताली बजाने से काम नहीं चलेगा। उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “कोरोना वायरस हमारी नाज़ुक अर्थव्यवस्था पर एक कड़ा प्रहार है। छोटे, मध्यम कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ताली बजाने से उन्हें मदद नहीं मिलेगी। आज नकद मदद, टैक्स ब्रेक और कर्ज अदायगी पर रोक जैसे एक बड़े आर्थिक पैकेज की जरुरत है। तुरंत कदम उठाएं।”
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वहीं कांग्रेस ने भी मोदी सरकार से कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की तैयारियों को लेकर सवाल किए हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर मोदी सरकार से पूछा है कि हमारे देश में पार्यप्त चिक्तिसा आपूर्ती है?
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कांग्रेस ये भी पूछा है कि देश में वेंटिलेटर की संख्या कितनी है। कितने वेंटिलेटर सरकारी आस्पतालों में है और कितनी प्राइवेट अस्पतालों में। साथ ही सरकार से कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बीमा संबंधित योजनाओं के बारे में भी सवाल किया गया है।
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कांग्रेस ने ट्वीट कर दैनिक वेतन भोगी वर्ग और असंगठित क्षेत्रों, उड्डयन क्षेत्र, बैंकिंग क्षेत्र, पशुपालन और अतिथ्य क्षेत्र के लिए पैकेज की भी मांग की है।
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बता दें कि पीएम मोदी ने कल (22 मार्च) जनता कर्फ्यू का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने जनता कर्फ्यू के दौरान एक खास अपील भी की है। उन्होंने कहा है कि रविवार को शाम 5 बजे लोग अपने घर के दरवाजे या खिड़कियों से सेवा करने वालों को धन्यवाद करें-ताली बजा कर, थाली बजाकर, घंटी बजाकर.."
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राहुल गांधी ने पीएम मोदी के इसी ऐलान पर सवाल उठाते हुए आर्थिक पैकेज की मांग की है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। ज्यादातर दुकाने बंद हैं। कई व्यापर पूरी तरह से चौपट होने के कागार पर है। मजदूरी करने वाले लोगों को तो खाने के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उन्हें तत्काल आर्थिक राहत की दरकार है। कुछ राज्यों ने इसी घोषणा भी की है। लेकिन अभी केंद्र सरकार की तरफ से कोई आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं की गई है।
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