भारत में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के 20 और मामले मिले हैं। इसके बाद देश में ऐसे मामलों की कुल संख्या 58 हो गई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "इन सभी लोगों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तय की गई स्वास्थ्य सुविधाओं में एक अलग कमरे में आइसोलेशन में रखा गया है। उनके करीबी संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन में रखा गया है। इसके अलावा उनके सह-यात्रियों, परिवार के संपर्कों और संपर्क में आए अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा रहा है। नमूनों पर जीनोम सीक्वेंसिंग का काम चल रहा है।"
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इन सभी मामलों में से 8 नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) में, 11 सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) में और 10 मामलों को बेंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो (एनआईएमएसएएनएस) में रजिस्टर्ड किया गया है।
हैदराबाद में सेलुलर एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी में ऐसे 3 मामलों, पश्चिम बंगाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में 1 मामले और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 25 मामलों के बारे में पता चला है।
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29 दिसंबर को ब्रिटेन से वापस आए 6 लोगों में कोरोनावायरस के नए वैरिएंट का पता चला था। इस नए स्ट्रेन के ये भारत में रिपोर्ट किए जाने वाले पहले मामले थे। नए स्ट्रेन की ट्रेसिंग और परीक्षण का काम तब शुरू किया गया था, जब ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की थी कि ब्रिटेन की आबादी में वायरस के एक नए रूप की पहचान की गई है, जो संचरण में 70 फीसदी अधिक तेज है।
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ब्रिटेन का यह स्ट्रेन डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में पहले ही मिल चुका है।
मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और राज्यों को लैबोरेटरीज में नमूनों की अच्छे से निगरानी करने, संक्रमण को नियंत्रित करने और परीक्षण बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर सलाह दे रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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