भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले हर घंटे बढ़ रहे हैं। अभी तक करीब 150 लोगों की कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है और अब तक इससे तीन मौतें हो चुकी हैं। लेकिन कोरोना वायरस के टेस्ट की सीमित संख्या को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवा अरब की आबादी वाले भारत में अभी तक कोरोना वायरस के सिर्फ 150 मामले ही सामने आए हैं जोकि बाकी देशों की तुलना में बेहद कम है।
Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अभी तक कोरोना के जो भी मामले सामने आए हैं, वे लोग या तो विदेश से लौटे हैं या फिर उनके संपर्क में आए लोग कोरोना से पीड़ित हुए हैं। मंत्रालय ने इस बात को खारिज किया है कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है यानी ऐसे मामले जिनमें ये ना पता चल पाए कि उन्हें किस शख्स के संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण हुआ है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन संक्रमण की दूसरी स्टेज है और इसे रोकना काफी मुश्किल होता है।
Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST
भारत में इतने कम संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले आने को लेकर भी सवाल किए जा रहे हैं। आज तक के मुताबिक कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कम मामले कम टेस्ट की वजह से हैं। फिलहाल, भारत में केवल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है जो या तो किसी देश की यात्रा करके लौटे हैं या फिर विदेश से लौटे व्यक्तियों के संपर्क में आए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि ये बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण को अब सिर्फ विदेश यात्रा के आधार पर तय नहीं किया जाना चाहिए।
Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST
जॉन हॉपिकन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी में शोधकर्ता डॉ. अमेश अदालजा ने हफिंगटन पोस्कट से बातचीत में कहा, कोरोना वायरस से निपटने में अमेरिका से हुई गलती से भारत सबक ले सकता है। अमेरिका में कोरोना वायरस से अब तक 100 मौतें हो चुकी हैं। अमेरिका की सबसे बड़ी गलती यही थी कि उसने कोरोना वायरस को सिर्फ यात्रा के दायरे में सीमित रखा और चीन से आए लोगों के लिए सीमित जांच के नियम बनाए। जबकि अगर बड़े पैमाने पर टेस्टिंग होती तो संक्रमण रोकने में मदद मिल सकती थी।
Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST
वक्त रहते कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पहचान ना कर पाना ही इटली, स्पेन, ईरान और अमेरिका के लिए घातक साबित हुआ। भारत में कम मेडिकल सुविधाओं की वजह से डर है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने पर कई लोगों की जानें जा सकती हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई देशों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो रहा है। ऐसे में सिर्फ विदेश से लौटे यात्रियों या उनके संपर्क में आए लोगों तक जांच सीमित रखने के बजाय लक्षण दिखने के आधार पर कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST
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Published: 18 Mar 2020, 3:30 PM IST