कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ से कुछ पोस्ट हटाए जाने संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश को लेकर बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार के ‘काले कारनामे’ के बारे में बताने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
पार्टी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने यह सवाल भी किया कि आखिर निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड के बारे में बात करना क्यों आपत्तिजनक लगा।
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दरअसल, निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कारण सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ को वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनिंदा पोस्ट हटाने का मंगलवार को आदेश दिया।
इस संबंधी आदेश दो अप्रैल और तीन अप्रैल को जारी किए गए थे और आयोग द्वारा 10 अप्रैल को इस संबंध में एक और ईमेल भेजा गया जिसमें उसने कहा कि ‘एक्स’ द्वारा इन चार पोस्ट को नहीं हटाने पर इसे ‘‘जानबूझकर आचार संहिता के उल्लंघन’’ का मामला माना जाएगा।
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सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व का ट्विटर) ने एक खबर साझा की जिसमें उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से चार हैंडल के ट्वीट हटाने का निर्देश आया है। हालांकि, एक्स का कहना है- हम अभिव्यक्ति की आजादी में रुकावट नहीं डालना चाहते, लेकिन हमारे पास यह निर्देश आया, इसलिए हमें ऐसा करना पड़ा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति ‘हेट स्पीच (नफरत भरा भाषण)’ दे रहा है, धर्म का इस्तेमाल कर रहा या किसी व्यक्ति के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां कर रहा है तो वह उल्लंघन होता है। लेकिन डिलीट हुई पोस्ट में चुनावी बॉण्ड के बारे में उस सच की बात की गई थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिसे छिपाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।’’
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कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि आखिर चुनाव आयोग को चुनावी बॉण्ड पर बात करना क्यों आपत्तिजनक लगा? उन्होंने आरोप लगाया कि आज मोदी सरकार के ‘काले कारनामे’ बताने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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