पहले से सुस्त पड़ी देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से तबाही के कगार पर है। मोदी सरकार ने इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज का बाजा पूरे पांच दिन तक मीडिया में बजता रहा। वित्त मंत्री लगातार पांच दिन तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को पैकेज का बखान करते रहे। लेकिन लगता है कि इस पैकेज का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई साकारात्मक परिणाम नहीं पड़ रहा। दरअसल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मोदी सरकार के पैकेज को देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में नाकाम बताया है।
Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST
इतना ही नहीं रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग में बड़ी गिरावट कर दी है। कोरोना से निपटने के लिए लागू हुए लंबे लॉकडाउन, बढ़ते कर्ज और कारोबारी माहौल में मंदी को कारण बताते हुए एजेंसी ने भारत की रेटिंग में कटौती की है। भारत की क्रेडिट रेटिंग को अब Baa2 से घटाकर Baa3 कर दिया गया है। मूडीज ने कहा कि इसकी वजह से सीधे तौर पर कोरोना महामारी नहीं है, लेकिन इसकी वजह से मुश्किलें बढ़ी हैं और भारत की क्रेडिट प्रोफाइल में कटौती करनी पड़ी है। ‘Baa3’ का अर्थ सबसे कम इन्वेस्टमेंट ग्रोथ या इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे निचले स्तर की रेटिंग है।
Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST
‘बीएए3’ सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है। इसके नीचे कबाड़ वाली रेटिंग ही बचती है। एजेंसी ने कहा है कि मूडीज ने भारत की स्थानीय मुद्रा वरिष्ठ बिना गारंटी वाली रेटिंग को भी बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है। इसके साथ ही अल्पकालिक स्थानीय मुद्रा रेटिंग को भी पी-2 से घटाकर पी-3 पर ला दिया गया है।
इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा है कि सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है।
Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मूडीज ने मोदी द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने को कबाड़ (जंक) वाली रेटिंग से एक कदम ऊपर रखा है। गरीबों और एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन की कमी का मतलब है कि अभी और अधिक खराब स्थिति आने वाली है।'
2019-20 की आखिरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ महज 3.1 प्रतिशत ही रही है, जो बीते 8 सालों में सबसे कम है। मूडीज ने मौजूदा वित्त वर्ष में भी जीडीपी में 4 फीसदी की गिरावट की बात कही है। मूडीज का कहना है कि मार्च से लेकर मई तक लॉकडाउन जारी रहने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। मूडीज से पहले फिच और स्टैंडर्ड ऐंड पुअर ने भी भारत की रेटिंग में कमी की है और उसे BBB- किया है।
Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST
इससे पहले 2017 में मूडीज ने भारत की रेटिंग को Baa3 से बढ़कार नवंबर 2017 में Baa2 कर दिया था। तब पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए कदमों के चलते यह कटौती की गई थी। यही नहीं मूडीज ने मोदी सरकार की ओर से गरीबों और बेरोजगारों के लिए उठाए गए कदमों को भी अपर्याप्त करार दिया है।
मूडीज ने कहा कि इन सब उपायों से भारत की ग्रोथ 8 पर्सेंट के करीब पहुंचती नहीं दिख रही है, जो बीते कुछ सालों में हुई थी। इस बीच इंडिया रेटिंग ने कहा है कि मोदी सरकार के पैकेज के चलते अर्थव्यवस्था को गति मिलना मुश्किल लग रहा है। एजेंसी के मुताबिक 2022-23 से पहले आर्थिक ग्रोथ में इजाफा होने के आसार नजर नहीं आते। एजेंसी ने कहा कि सरकार ने जो 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है, उसमें से 2.14 लाख करोड़ रुपये ही नकद के तौर पर खर्च किया जाना है। इसके अलावा बड़ी रकम क्रेडिट गारंटी स्कीम के तौर पर ही ऐलान की गई है, जिसका सरकार पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ने वाला है।
Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST
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Published: 02 Jun 2020, 1:16 PM IST