कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए कई उपाय सुझाए। इन उपायों में मुख्य रूप से खर्चों में कटौती कर कोरोना से निपटने में उपयोग किये जाने का सुझाव दिया। सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को 5 सुझाव देते हुए कहा है कि देश के समक्ष उत्पन्न हुई कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में सरकार के साथ हमारा संपूर्ण सहयोग रहेगा।
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पहला, सरकार एवं सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों- टेलीविज़न, प्रिंट एवं ऑनलाईन विज्ञापनों पर दो साल के लिए रोक लगा यह पैसा कोरोना संकट से जूझने में लगाया जाए। केवल कोविड-19 के बारे में एडवाईज़री या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इस बंदिश से बाहर रखे जाएं। केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग 1,250 करोड़ खर्च करती है। सरकारी उपक्रमों एवं कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च सालाना राशि इससे भी अधिक है। इस प्रयास से कोरोना वायरस द्वारा अर्थव्यवस्था व समाज को हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलेगी।
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सोनिया गांधी ने कहा कि 20,000 करोड़ रु. की लागत से बनाए जा रहे 'सेंट्रल विस्टा' ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट को स्थगित किया जाए। मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च व्यर्थ है। मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना संपूर्ण कार्य कर सकती है। ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है। इससे बचाई गई राशि का उपयोग नए अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण तथा अग्रिम कतार में रहकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को PPE एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाए।
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सोनिया गांधी ने कहा कि भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30% की कटौती की जाए। यह राशि लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये सालाना प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, MSME एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को आवंटित की जाए।
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सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा कि राष्ट्रपति, PM, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को स्थगित किया जाए। केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन एवं अत्यधिक आवश्यक विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री द्वारा अनुमति दी जाए। विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली यह राशि (जो पिछले पांच सालों में केवल प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए 393 करोड़ रुपये है) कोरोना वायरस से लड़ाई में सार्थक तौर से उपयोग की जा सकती है।
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इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पीएम केयर्स फंड की संपूर्ण राशि को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड (पीएम-एनआरएफ) में स्थानांतरित किया जाए। इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा। जन सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत व संसाधनों की बर्बादी है। PMNRF में लगभग 3800 करोड़ की राशि बिना उपयोग के पड़ी है। यह फंड तथा 'पीएम-केयर्स' की राशि को मिलाकर समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया जाए।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को दिए इन सुझावों के साथ ही कहा कि कोरोना के हमले से लड़ने में हर भारतीय ने व्यक्तिगत रूप से त्याग किया है। उन्होंने आपके कार्यालय तथा केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हर सुझाव, निर्देश एवं निर्णय का पालन किया है। अब विधायिका एवं सरकार द्वारा लोगों के विश्वास व भरोसे पर खरा उतरने का समय आ गया है।
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