राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने ओबीसी जनगणना की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब जानवरों और पेड़ों की गणना हो सकती है तो फिर ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं हो सकती? कांग्रेस के महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य राजीव सातव ने शुक्रवार को सदन में ओबीसी जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब गोपीनाथ मुंडे संसद सदस्य थे, तब उन्होंने भी इसकी मांग उठाई थी। बरसों से इसकी मांग उठ रही है।
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राजीव सातव ने कहा, "सरकार जब जानवरों की जनगणना कर सकती है, पेड़ों की कर सकती है तो ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं? ओबीसी की जनगणना के लिए सरकार ने 2018 में आश्वस्त किया था, 2019 में भी किया था, लेकिन अभी पता चल रहा है कि ओबीसी का कॉलम हटाया गया है।"
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कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि ओबीसी को सही लाभ मिल रहा है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए उनकी जनगणना होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार पहल कर सकती है। ओबीसी की जनगणना के लिए सरकार को कदम उठाया चाहिए।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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