हिमाचल प्रदेश में तीन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को वोट डाले गए। देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ से 13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। तीनों सीटों के लिए 315 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
इस बीच कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि प्रदेश की तीनों सीटें कांग्रेस पार्टी जीतने जा रही है।
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बिके हुए विधायकों के चुनाव लड़ने के सवाल पर हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से क्यों त्यागपत्र देना पड़ा। उनकी क्या मजबूरी रही होगी? जनता उनसे पूछना चाहती है कि कांग्रेस अगर उनकी नहीं सुन रही थी तो उन्हें विधानसभा के अंदर या बाहर विरोध करना चाहिए था। जनता सब जान चुकी है कि वे राजनीतिक मंडली कितनी रेट में बिकी।
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हर्षवर्धन ने कहा, "तीनों विधानसभा की जनता जान चुकी है कि कांग्रेस की सरकार स्पष्ट बहुमत से स्थिर सरकार है। सरकार बची हुई साढ़े तीन साल के कार्यकाल को अच्छी तरह से चलाएगी। वे दोबारा बीजेपी के विधायकों को जीताकर विधानसभा में भेजना नहीं चाहेगी। तीनों सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीतेगी और हमारे विधायकों की संख्या 38 से बढ़कर 41 हो जाएगी।"
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प्रदेश के भीतर ठेकेदारों, कर्मचारियों और आम व्यापारियों को डराकर सरकार बनाने वाली बात पर हर्षवर्धन ने कहा कि इस तरह के आरोप सरकार पर लगता रहता है। हम भी जब विपक्ष में थे तो बीजेपी सरकार पर लगाते थे। ये सब बातें सिर्फ डायलॉगबाजी हैं और कुछ नहीं। मीडिया के बलबूते विपक्षी पार्टी सरकार और सत्ताधारी पार्टी पर इल्जाम लगाती है। यह हिमाचल के साथ-साथ हिंदुस्तान के सभी जगहों पर हो रहा है।
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उन्होंने आगे कहा, "यह मैं दावा करता हूं कि कांग्रेस पार्टी ने नहीं आजतक किसी को डराया है और न ही कभी किसी को धमकाया है और हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी किसी से डरता नहीं है। यहां के मतदाता और कर्मचारी इस बात की सूझबूझ रखते हैं कि कौन सी सरकार उनका भला कर सकती है, उसे ही जिताना है।"
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