कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार कोविड-19 पर आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ के मानदंडों का उल्लंघन कर रही है और कोरोना लक्षणों वाले मृतकों का परीक्षण नहीं किया जाता है, जो संपर्को का पता लगाने और जांच के लिए जरूरी है। दिल्ली कांग्रेस के नेता अजय माकन ने कहा,"आंकड़ों को कम रखने के लिए, सरकार के इस चाल से दिल्ली में मामलों में वृद्धि हो रही है।"
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पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, "दिल्ली सरकार ने 7 जून को दावा किया कि कोविड के समर्पित सरकारी अस्पतालों में 72 प्रतिशत बेड (4,400 में से 3,156) खाली हैं।" उन्होंने सवाल किया, "कुल निजी अस्पतालों में, 40 प्रतिशत बेड खाली हैं और सर गंगा राम अस्पताल में, जिसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, 12 प्रतिशत बेड खाली हैं। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में केवल 28 प्रतिशत बेड पर ही मरीज क्यों हैं? और सर गंगा राम अस्पताल में 88 प्रतिशत बेड पर मरीज होने पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।"
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कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली प्रतिदिन कोरोना मामलों की उच्चतम संख्या की रिपोर्ट कर रहा है। रिकवरी दर देश में सबसे कम है। पिछले कुछ दिनों से, परीक्षण किए जा रहे प्रत्येक चार व्यक्तियों में से एक कोरोना संक्रमित है। यह शायद भारत में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी 8 प्रयोगशालाओं को 'ओवर-टेस्टिंग' करने पर बंद करने का नोटिस दिया गया था। इन 8 प्रयोगशालाओं ने प्रतिदिन 4,000 रोगियों का परीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि प्रति दिन 4,000 कम व्यक्तियों का परीक्षण किया जाएगा।
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अजय माकन ने कहा, "हम जोर देकर कहना चाहते हैं कि किसी भी निजी अस्पताल को किसी भी मरीज को प्रवेश देने से मना नहीं करना चाहिए। सरकार के पास ऐसे गलत अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सभी अधिकार और शक्ति हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल सरकार की खुद की लापरवाही और अक्षमता से ध्यान हटाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।"
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