भागलपुर, समस्तीपुर, औरंगाबाद, मुंगेर और अररिया के बाद बिहार का नवादा दिला भी सांप्रदायिक हिंसा की लपेट में आ गया है। नवादा में शुक्रवार की सुबह दो समूहों के बीच हुए झगड़े ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया और उन्मादियों ने कई दूकानों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति इतनी खराब हो गई कि उसे संभालने के लिए नवादा पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिले में इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी है।
Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST
नवादा में हालात गुरुवार 29 मार्च की रात से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब ये खबर फैली कि कुछ असामाजिक तत्वों ने हनुमान की मूर्ति को नुकसान पहुंचा दिया है। इशके बाद शुक्रवार की सुबह मूर्ति तोड़े जाने से नाराज लोगों ने अल्पसंख्यक तबके के खिलाफ नारेबाजी की और कई दूकानों को आग के हवाले कर दिया और आसपास मौजूद कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। हिंसा की खबर मिलने के बाद वहां पहुंची पुलिस ने दंगाइयों को काबू करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। हालात को बेकाबू होता देख पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच गए और इलाके की सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया। सोशल मीडिया के जरिये किसी तरह की अफवाह ना फैले इसके लिए प्रशासन ने इलाके की इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया है।
Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST
इस पूरी घटना में सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जब नवादा बाईपास पर भगवान हनुमान की मूर्ति तोड़ने की घटना हुई, तो पुलिस ने फौरन कोई कार्रवाई क्यों नहीं की और शहर की सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई। आज शुक्रवार का दिन है और मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिदों में नमाज पढ़ने जाते हैं, ऐसे में सुबह के वक्त इस तरह की हिंसक घटना का होना संदेह पैदा करता है और पुलिस-प्रशासन पर सवाल खड़े करता है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि हालात अब नियंत्रण में हैं और भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। लेकिन जिस तरह से दंगाइयों ने पटना-रांची हाईवे संख्या 31 को जाम किया और हमला और उसके जवाब में दो समुदाय के बीच जो पत्थरबाजी हुई है, उसने बिहार के तनावपूर्ण हालात को और गंभीर कर दिया है। नवादा की हिंसा में शामिल भीड़ ने मीडिया को भी नहीं बख्शा और कई पत्रकारों के कैमरे तोड़ डाले गए। बता दें कि नवादा वो जिला है जहां से बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्र में मंत्री गिरीराज सिंह सांसद हैं।
Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST
बिहार में लगातार हो रही सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं ने नीतीश कुमार की एनडीए सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पिछले 6 दिनों से बिहार जल रहा है, लेकिन इन घटनाओं पर जेडीयू और बीजेपी की खामोशी निराश करती है और कई सवाल खड़े करती है। राज्य में लगातार हो रही सांप्रदायिक हिंसा की घटना को लेकर बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत पर बड़ा आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव ने कहा, “मोहन भागवत हाल ही में 14 दिन के लिए बिहार आए थे। इन 14 दिनों में उन्होंने रामनवमी में कैसे दंगे भड़काए जाएं, इसका प्रशिक्षण दिया। अब लोगों को उनके बिहार दौरे का असल एजेंडा पता चल रहा है।” तेजस्वी यादव बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर लगातार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी पपर हमलावर हैं। उन्होंने 25 और 26 मार्च को औरंगाबाद में हुई हिंसा को लेकर विधानसभा में भी नीतीश सरकार को घेरा था।
Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST
ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे इस बार बिहार को सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलाने के लिए रामनवमी के त्योहार को चुना गया था और यही कारण है कि रामनवमी खत्म हुए एक सप्ताह होने को है, लेकिन बिहार अब भी जल रहा है और असामाजिक त्तव किसी ना किसी तरह से सांप्रदायिकता को हवा दे रहे हैं।
Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST
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Published: 30 Mar 2018, 4:45 PM IST