वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति के सदस्य और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस समिति की पहली बैठक से एक दिन पहले बुधवार को कहा कि इस विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि ‘‘यह सिर्फ गरीबों की जमीन हथियाने और सरकार की नाकामियों से ध्यान भटकाने का प्रयास है।’’
उन्होंने यह दावा भी किया कि जनता दल (यूनाइटेड) और इसके नेता नीतीश कुमार इस मामले पर खुलकर सरकार के साथ हैं तथा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे पर चल रहे हैं।
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बैठक से एक दिन पहले जावेद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वक्फ धार्मिक मकसद और गरीबों के कल्याण के लिए होता है। ये (सरकार) एक तरीका ढूंढना चाहते हैं कि गरीब मुसलमानों की जमीन हथियाई जा सके। इनकी नीयत साफ नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो सच्चाई है वो (बैठक में) कहेंगे। हमारी तरफ से यह बात रखी जाएगी कि संविधान हमें इजाजत देता है कि हम गरीबों के लिए जमीन दान में दे सकते हैं और उसकी हिफाजत कर सकते हैं तथा सरकार का इन संपत्तियों को लेना जायज नहीं है।’’
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बिहार के किशनगंज से लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा, ‘‘इस विधेयक को वापस लिया जाना चाहिए।’’
जावेद ने आरोप लगाया कि सरकार की नाकामियां छिपाने और ध्यान भटकाने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेडी(यू) और नीतीश कुमार के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने दावा किया, ‘‘उनका रुख साफ है। वे लोग बीजेपी के साथ हैं। उनकी सोच आरएसएस की सोच है। उनका वोट आरएसएस की तरफ जाता है। ये सिर्फ अच्छी बातें करते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं। ये आरएसएस के एजेंडा पर चलते हैं।’’
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वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति की पहली बैठक बृहस्पतिवार को होगी जिसमें इस समिति के सदस्य अल्पसंख्यक कार्य तथा विधि एवं न्याय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे।
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