पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को मुख्य सचिव मनोज पंत के मोबाइल फोन पर जूनियर डॉक्टरों से अपील की कि वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन वापस ले लें।
पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती और कोलकाता पुलिस की केंद्रीय संभाग की उपायुक्त इंदिरा मुखर्जी के साथ अचानक मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में सात जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल के मंच पर पहुंच गए।
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वहां मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया और मुख्यमंत्री ने स्पीकर के माध्यम से प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से भूख हड़तान खत्म करने की अपील की।
बनर्जी ने कहा, "मैं आपसे भूख हड़ताल वापस लेने का अनुरोध करती हूं। कृपया चर्चा के लिए आएं। आपकी अधिकांश मांगें पहले ही पूरी हो चुकी हैं। कृपया मुझे तीन से चार महीने का समय दें। मैं सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विभिन्न परिषदों के लिए चुनाव कराने की व्यवस्था करूंगी। कृपया भूख हड़ताल वापस लें।"
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स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने की जूनियर डॉक्टरों की मांग पर उन्होंने कहा कि यदि एक महत्वपूर्ण विभाग के सभी प्रमुख अधिकारियों को एक ही समय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, तो प्रशासनिक कठिनाइयां आएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने पहले ही कोलकाता पुलिस आयुक्त और कुछ अन्य अधिकारियों को हटा दिया है।"
उन्होंने कहा कि अगर आम लोगों को सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं नहीं मिलती हैं, तो वे खुद को असहाय महसूस करते हैं। मैं मानवता के पक्ष में हूं। मैं भी न्याय चाहती हूं। लेकिन साथ ही आम लोगों का इलाज भी सुनिश्चित करना होगा। इसलिए मैं आपसे फिर से अनुरोध करती हूं कि आप भूख हड़ताल खत्म कर दें और काम पर वापस लौट आएं।
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शुक्रवार रात को ही जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे अगले मंगलवार से पूर्ण रूप से काम बंद कर देंगे।
मुख्यमंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपनी सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों के एक समूह का आमरण अनशन 15वें दिन में प्रवेश कर गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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