छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में धान की खरीद करने के लिए तत्काल अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है, "केंद्र सरकार से खरीद की अनुमति नहीं मिलने के कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न खरीद केंद्रों से धान नहीं उठाया जा रहा है, इसके कारण पूरी व्यवस्था चरमरा रही है। इससे नए धान के भंडारण में देरी होगी।"
बघेल ने बताया है कि धान खरीद में देरी होने से छत्तीसगढ़ में पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर भी विपरीत असर पड़ेगा।
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मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम के एमएसपी पर खरीदे गए धान के वितरण की अनुमति भी भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से मिलनी बाकी है। पत्र में मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उन्होंने पहले केंद्रीय खाद्य मंत्री को कई पत्र लिखे और फोन पर बातचीत करके आवश्यक अनुमति जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन अब तक मंजूदी नहीं दी गई है।
बघेल ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने के लिए भी समय मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीद प्रक्रिया में बोरों की कमी भी रुकावट बन रही है।
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बघेल ने आगे लिखा, "राज्य ने भारत सरकार के जूट आयुक्त से 3 लाख बोरियों की भी मांग की थी, लेकिन राज्य को केवल 1.45 लाख बोरे ही आवंटित किए गए थे, उसमें से भी 1.05 बोरे ही उन्हें अब तक मिले हैं।"
बघेल ने कहा कि खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में केंद्र ने छत्तीसगढ़ सरकार को 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की मंजूरी दी थी।
इसके बाद राज्य ने 1 दिसंबर, 2020 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदना शुरू कर दिया। अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन की खरीद की जा चुकी है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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