सुप्रीम कोर्ट के जिन 4 जजों ने 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जज लोया केस में चीफ जस्टिस के रवैयै और कामकाज पर सवाल उठाए थे, उनसे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा बात कर सकते हैं। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ, इन चारों जजों के बागी तेवर के बाद खबर है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सब जज बराबर हैं और स्वतंत्र माने जाते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सभी केसों का सही तरीके से बंटवारा होता है।
जजों के विवाद के संबंध में 13 जनवरी, शाम 4 बजे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक बैठक बुलाई है। बार एसोसिएशन का कहना है कि देशवासियों में भ्रम पैदा करना न्यायपालिका के लिए ठीक नहीं है। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उम्मीद जताई है कि जल्ह ही यह विवाद सुलझ जाएगा।
12 जनवरी को देश में यह पहली बार देखा गया कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने प्रेस कॉन्प्रेंस कर चीफ जस्टिस के कामकाज पर सवाल उठाए और यह दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है। चारों जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चारों जजों ने एक पत्र भी जारी किया था, जिसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कामकाज और कोर्ट के फैसलों को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
Published: 13 Jan 2018, 1:06 PM IST
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Published: 13 Jan 2018, 1:06 PM IST