कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी गुरुवार को छत्तीसगढ़ पहुंची। यहां उन्होंने उन्होंने भिलाई के जयंती स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। प्रियंका ने कहा कि आज असली मुद्दों पर बात नहीं हो रही है। लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है ताकि जनता सरकार से सवाल न कर सके।
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प्रियंका गांधी ने कहा कि आज बेरोजगारी, अच्छी सड़कों और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा की बातें नहीं हो रही हैं। इसके पीछे गहरी राजनीतिक साजिश है ताकि आप सवाल नहीं उठा सकें कि दिल्ली में जी20 का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए। 20,000 करोड़ रुपये नई संसद के निर्माण में खर्च किए गए। अभी भी वे खराब सड़कों, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं है। किसान कमरतोड़ मेहनत कर 27 रुपये प्रतिदिन कमा पा रहा है जबकि उनके कारोबारी दोस्त एक दिन में करोड़ों कमा रहे हैं।
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प्रियंका गांधी ने कहा कि 40 साल के बाद जब मैं उत्तर प्रदेश में काम कर रही थी। एक महिला खाना बना रही थी। महिला का कहना था कि उसके पास सिलेंडर भरवाने के लिए पैसे नहीं हैं। उसने बेरोजगारी की भी शिकायत की। उसने अपने मोहल्ले की दुर्दशा बताई कि कैसे यहां सड़कें नहीं हैं, बिजली नहीं है, वगैरह वगैरह। लेकिन अब राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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वहीं प्रियंका ने छत्तीसगढ़ सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत गर्व होता है कि जब मैं हर उस स्टॉल पर जाती हूं, जहां विभिन्न सरकारी योजनाओं की वजह से आत्मनिर्भर महिलाएं स्टॉल्स की अगुवाई करती हैं। इनमें से अधिकतर महिलाएं फर्स्ट टाइम वर्कर्स हैं। ये सभी खुश हैं क्योंकि अब ये आत्मनिर्भर हैं।
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उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने 1955 में भिलाई में स्टील प्लांट की नींव डाली थी। या कहें तो आधुनिक भारत की नींव यहीं पड़ी थी। भिलाई, देश की उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता के सपने का प्रतीक है। यहां खड़े होकर हर देशवासी को गर्व महसूस होना चाहिए।
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प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से जुड़ा एक पुराना किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि जब मैं 12-13 साल की थी। मैं अपने पिता राजीव गांधी के साथ अमेठी गई थी। जब हम अमेठी के एक गांव पहुंचे तो हमने ग्रामीणों से बात करनी शुरू की। अचानक एक महिला खराब सड़कों की शिकायत करते हुए मेरे पिता को डांटने लगी। मैंने अपने पिता से पूछा कि आपको बुरा नहीं लगता? इस पर वह बोले कि मैं अपना काम कर रहा हूं। यह जनता का काम है कि वह मुझे मेरे काम की याद दिलाए।
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