22 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहने के बाद मंगलवार देर रात को चंद्रयान-2 आखिरकार चांद की तरफ आगे बढ़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-2 को चंद्रपथ पर भेजने के लिए ट्रांस लूनर इंजेक्शन नामक प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस दौरान स्पेसक्राफ्ट का लिक्विड इंजन 1,203 सेकंड के लिए फायर किया गया, जिससे लॉन्चिंग के बाद 22 दिन तक धरती की कक्षा में रहने के बाद चंद्रयान-2 चांद की ओर आगे बढ़ गया।
इसरो के चेयरमैन के सिवन के मुताबिक़ 6 दिनों तक चांद की तरफ बढ़ते हुए चंद्रयान 4.1 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा और 20 अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।
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इसरो ने कहा, "इसके साथ ही चंद्रयान -2 ने लूनर ट्रांसफर ट्रैजेक्टरी में प्रवेश कर लिया है। इससे पहले स्पेसक्राफ्ट की ऑर्बिट को 23 जुलाई से 6 अगस्त 2019 के बीच पांच गुना बढ़ाया गया था।"
चंद्रयान को पहले 15 जुलाई को लांच किया जाना था। लेकिन तकनीकी खामी के कारण इसकी लॉन्चिंग की डेट को आगे बढ़ा दिया गया था। इसरो के वैज्ञानिकों ने लांच से कुछ घंटो पहले ही चंद्रयान में तकनीकी खामी का पता लगाया था। इसके बाद 22 जुलाई को जीएसएलवी एमके-3 राकेट की सहायता से इसका सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था। लॉन्च किए जाने के बाद से चंद्रयान -2 के सभी सिस्टम सामान्य रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं।लॉन्चिंग की तारीख बदलने के बावजूद भी चंद्रयान अपने तय समय 20 अगस्त 2019 को चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।
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