केंद्र सरकार ने पूर्व परिवीक्षाधीन लोक सेवक पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से सेवा मुक्त कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
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खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सिविल सेवा में चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांगता कोटा लाभों का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप है। हालांकि, खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
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सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने छह सितंबर, 2024 के आदेश के तहत आईएएस (परिवीक्षाधीन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया।
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यह नियम केंद्र सरकार को यह अधिकार देते हैं कि यदि कोई परिवीक्षाधीन व्यक्ति ‘‘पुनर्परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाता या यदि केंद्र सरकार को यह विश्वास हो जाता है कि परिवीक्षाधीन व्यक्ति सेवा में भर्ती के लिए अयोग्य था या सेवा का सदस्य होने के लिए अनुपयुक्त है’’, तो वह उसे सेवा से मुक्त कर सकता है।
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोक दिया था। खेडकर अपने कैडर राज्य महाराष्ट्र में एक परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत थीं।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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