केंद्र सरकार के राज्यों को जीएसटी भुगतान के लिए दिए जाने वाले 'आश्वासन पत्र' (लेटर ऑफ कंफर्ट) पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है ये सभी आश्वासन के ही शब्द हैं और इसका कोई मतलब नहीं है। जरूरत है हार्ड कैश की। केंद्र सरकार के पास कई तरीके हैं जिसका उपयोग कर वो राज्यों को जीएसटी का भुगतान कर सकती है, चिदंबरम ने कहा।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें कर्ज लेती हैं तो इसका सीधा असर उनके कैपिटल एक्सपेंडीचर पर पड़ेगा। इस लेटर ऑफ कंफर्ट यानी आश्वासन पत्र की पेशकश को पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य ठुकरा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांग की है कि केंद्र सरकार 2,828 करोड़ रूपए तुरंत उपलब्ध कराए जो कि 2020-21 की बकाया राशि है।
उधर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनिस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि राज्यों को जीएसटी से हुए नुकसान की पूरी भरपाई हो। उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्यों से ये कहना कि वो खुद ही कर्ज ले, इससे राज्यों के संसाधनों पर असर पड़ेगा।
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