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रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और पुत्र राहुल कोठारी गिरफ्तार, करीब 5000 करोड़ के गबन का आरोप

रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया था। उनपर बैंकों को करीब 5000 करोड़ का लोन न चुकाने का आरोपहै।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी की फाइल फोटो

सीबीआई ने गुरुवार देर शाम रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को कानपुर में हिरासत लिया गया था और सीबीआई उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली लाई थी। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि तीन दिन चली पूछताछ में दोनों ने सहयोग नहीं किया। अब इन दोनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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इस बीच आयकर विभाग रोटोमैक कंपनी के के 14 बैंक खातें जब्त कर चुका है। ये सारी कार्रवाई बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर हुई है।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक दोनों ने पूछताछ में न तो गड़बड़ी का कोई तरीका नहीं बताया और ये भी बताने से भी इनकार कर दिया कि कर्ज पर ली गई रकम को उन्होंने कहां निवेश किया या इस्तेमाल किया। विक्रम कोठारी और राहुल कोठारी ने यह भी नहीं बताया कि क्या उन्होंने कोई शेल कंपनी में इस पैसे को लगाया है। जांच में सहयोग ने होने पर ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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सीबीआई के मुताबिक रोटोमैक कंपनी के विक्रम कोठारी और दो दूसरे डायरेक्टर ने सात बैंकों के कंसोर्शियम को धोखा देकर करीब 3,000 हजार करोड़ का कर्ज लिया। मामला सामने उस वक्त आया जब विक्रम कोठारी का एक चेक बाउंस हो गया। इस चेक की रकम 600 करोड़ थी। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की संयुक्त टीम ने उनके ठिकानों पर छापे मारकर तलाशी ली। इस मामले में रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिडेट के डायरेक्टर विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। कोठारी के खिलाफ मनी लाड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया है।

विक्रम कोठारी जाने-माने उद्योगपति एमएम कोठारी के पुत्र हैं। एमएम कोठारी ने प्राइवेट नौकरी से करियर की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने पान मसाला का कारोबार शुरु किया और रातों रात पैसा कमाया। उन्होंने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए अपने ब्रांड को पान पराग नाम दिया। इसके बाद उन्होंने रोटोमैक पेन बनाने का कारोबार शुरु का। उनकी मृत्यु के बाद उनका कारोबार दो बेटों विक्रम और दीपक के बीच बंट गया। दीपक के हिस्से में पान पराग आया और विक्रम कोठारी के हिस्से में रोटोमैक।

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