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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिर जातीय हिंसा, अंबेडकर की मूर्ति तोड़ी गयी

जिस समय यूपी के मुख्यमंत्री कानपुर में कह रहे थे हम 22 करोड़ जनता को सुरक्षा की गारंटी देते हैं, उसी समय उच्च जाति के लोगों ने मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव में दलितों पर हमला कर दिया

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक बार फिर जातीय हिंसा की आग में झुलस उठा है। गुरुवार को जिस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में कह रहे थे कि पहले यूपी में गुंडा राज था, अब कानून का राज है और हम प्रदेश की 22 करोड़ जनता को सुरक्षा की गारंटी देते हैं, उसी समय उच्च जाति के लोगों ने मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव में दलितों पर धारदार हथियारों और रायफल-पिस्तौलों के साथ हमला कर दिया। इस हमले में बीस के करीब लोगों के जख्मी होने की खबर है। इसी दौरान गांव में लगी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति भी तोड़ दी गयी। आसपास के कई थानों की पुलिस मौके पर है। इलाके में तनाव है और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। घटना के बाद से दलितों में जबरदस्त खौफ है।

Published: 07 Sep 2017, 11:17 PM IST

जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक भूपखेड़ी गांव की दलित बस्ती में गुरु रविदास आश्रम में सत्संग का आयोजन किया गया था। इसमें दलित समाज की महिलाएं भी शामिल थीं। आरोप है कि इसी सत्संग में कुछ युवकों ने महिलाओं से छेड़छाड़ की। ये पता चलने पर कि आरोपी युवक ठाकुर समाज के हैं, बात बिगड़ गयी।

देखते-देखते दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला शांत किया। लेकिन गुरुवार सुबह इसी घटना को लेकर दोनों समुदायों के बीच फिर से मारपीट की नौबत आ गयी और एक दूसरे पर धारदार हथियारों आदि से हमला किया गया। देखते देखते हालात बिगड़ गए और सूचना मिली है कि इस संघर्ष के दौरान फायरिंग भी की गयी। इस दौरान कुछ लोगों ने बस्ती में लगी बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा को भी तोड़ दिया। इस संघर्ष में करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिन्हें नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बाद में कुछ गंभीर घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस संघर्ष की सूचना पर इलाके में प्रशासनिक और पुलिस अफसर पहुंचे हैं। अफसरों ने टूटी हुयी प्रतिमा को कपड़े से ढकवा दिया है। इस सिलसिले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। फिलहाल इलाके में जबरदस्त तनाव है और मौके पर भारी पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं।

Published: 07 Sep 2017, 11:17 PM IST

दलितों का आरोप है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने उनके समाज की महिलाओं और युवतियों से छेड़खानी की और विरोध करने पर भीड़ लाकर धारदार हथियारों और अवैध असलहे से उन पर हमला किया गया। इस घटना के विरोध में दलित महिलाओं ने धरना भी दिया।

दलितों ने पुलिस पर ठाकुरों का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर बीती रात हुयी घटना के बाद ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो इस संघर्ष की नौबत नहीं आती। इस घटना के बाद से दलितों में जबरदस्त खौफ है।

दरअसल भूपखेड़ी ठाकुर बहुल गांव है और आसपास के गांवों में भी ठाकुर ही बहुसंख्यक हैं। दलितों का कहना है कि इस घटना के बाद ठाकुर अब उन्हें वहां नहीं रहने देंगे और उन पर आए दिन हमले होने की आशंका है। उधर ठाकुर समाज के लोगों ने पुलिस का विरोध भी किया और घायलों का मेडिकल कराने के नाम पर काफी हंगामा किया।

पूर्व में भी इस इलाके में ठाकुरों और दलितों के बीच झड़पों के मामले सामने आते रहे हैं। कुछ महीने पहले भी इसी इलाके में ठाकुरों ने एक नाई की दुकान पर सिर्फ इसलिए ताला जड़ दिया था, क्योंकि उसने दलितों के बाल काटे थे। उस वक्त भी दोनों तरफ से तनातनी हुयी थी और कई दिनों तक माहौल में तनाव रहा था और पुलिस को तैनात करना पड़ा था।

Published: 07 Sep 2017, 11:17 PM IST

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Published: 07 Sep 2017, 11:17 PM IST