कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे रोकने के लिए देशभर में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। कोरोना संकट को लेकर सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें एक आर्डिनेंस जारी किया गया कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सभी सांसद एक साल तक 30 फीसदी कम वेतन लेंगे। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी सांसदों के वेतन को एक साल के लिए 30 फीसदी कम किया जाएगा। इसके अलावा सांसद निधि फंड को 2 साल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST
इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भत्ते और पेंशन के संसद सदस्य अधिनियम, 1954 में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दी है। जिसके चलते 1 अप्रैल, 2020 से सांसदों के वेतन और पेंशन में 30 फीसदी की कमी की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि सांसदों के साथ-साथ राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी कम सैलरी लेंगे। जावड़ेकर ने कहा कि कटौती का निर्णय सभी ने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए लिया है। यह धन भारत के समेकित कोष में जाएगा।
Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST
इसके अलावा एमपीलैड को भी दो साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस पैसे का इस्तेमाल इस महामारी से लड़ाई के लिए किया जाएगा। जावडेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने भारत में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए 2020-21 और 2021-22 के दौरान एमपीलैड कोष के अस्थाई निलंबन को मंजूरी दी। जो 2 साल के लिए एमपीलैड फंड की समेकित राशि 7900 करोड़ रुपये भारत के समेकित कोष में जाएगी।
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने सांसदों के वेतन में 30 फीसदी कटौती करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मुश्किल घड़ी में सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं । साथ ही उन्होंने कहा है कि संसादों और मंत्रियों के वेतन में कटौती के अलावा, केंद्र सरकार विस्टा पुनर्विकास परियोजना को समाप्त कर और गैर कोरोना प्राचार के खर्चों में कटौती कर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचा सकती है जिसका इस्तेमाल कोरोना से लड़ाई में किया जा सकता है।
Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST
वहीं सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरुर ने MPLAD फंड को 2 साल के लिए हटाने को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से सरकार से मांग की है कि सांसदों के फंड का इस्तेमाल उनके ही संसदीय क्षेत्र में किया जाए
Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST
बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा के हर सांसद को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर साल 5 करोड़ रुपये सरकार से मिलते हैं। इसे MPLAD फंड कहा जाता है। 2 साल के लिए इस फंड को हटाने पर सरकार के पास 7900 करोड़ रुपये आएंगे। ये पैसा भारत सरकार के Consolidated Fund में जाएगा। इस रकम का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने में किया जाएगा।
Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST
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Published: 06 Apr 2020, 6:44 PM IST