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मध्य प्रदेश में उप-चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव, सौदे की राजनीति से प्रदेश हुआ कलंकित: कमल नाथ

कमल नाथ ने कहा कि, "आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी सरकार की उपलब्धियों से नहीं बल्कि बीजेपी के संगठन से है। यह चुनाव उप-चुनाव या आम चुनाव नहीं है, वास्तव में यह चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है।"

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि, "आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी सरकार की उपलब्धियों से नहीं बल्कि बीजेपी के संगठन से है। इसलिए बीते चार माह कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में लगाए हैं। यह चुनाव उप-चुनाव या आम चुनाव नहीं है, वास्तव में यह चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है।"

बीजेपी की सरकार पर हमला बोलते हुए कमल नाथ ने कहा कि, "बीते पंद्रह साल का चित्र मतदाता के सामने है और हमारे पंद्रह माह का चित्र उनके सामने है। इसमें से ढाई माह लेाकसभा चुनाव में और एक माह उथल-पुथल में निकल गए, कुल साढ़े 11 माह में हमने अपने काम से जो परिचय दिया नीति और नियत का वह सब के सामने है। भले ही कांग्रेस का साथ न दें, कमल नाथ का साथ न दें, मगर सच्चाई का साथ दें।"

उन्होंने आगे कहा कि जिन 27 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव होने वाले है वह राज्य के भविष्य से जुड़ा हुआ है। सौदे की राजनीति से मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है। यह बोली से बनी हुई सरकार है, सौदा किया गया।

कमल नाथ ने किसानों की कर्ज माफी का जिक्र करते हुए कहा, "राज्य में साढ़े 26 लाख किसानों का कर्ज माफ हुआ है, उसकी पेनड्राइव हमारे पास है, इसमें हर किसान का ब्यौरा दर्ज है। इस पेनड्राइव को हम सभी को देना चाहते है।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोले हुए कमल नाथ ने कहा कि अभी हाल ही में ग्वालियर में बड़े-बड़े भाषण हुए जिन्होंने खुद कर्ज माफी के कार्यक्रम किए, वे अब कहते हैं कि कर्ज माफ नहीं हुआ इसलिए कांग्रेस छोड़ दी। यह झूठ और मीडिया की राजनीति अपने प्रदेष में चलने वाली नहीं है। कमल नाथ ने कहा कि राज्य को देश में नई पहचान बनाने का प्रयास किया था। राज्य की पहचान माफिया से न हो, मिलावट से पहचान न बने। इसके लिए माफिया और मिलावटखोरों के खिलाफ मोर्चा खोला था।

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