केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। अखिलेश यादव ने इसे बीजेपी की विदाई का बजट बताया है। कांग्रेस ने बजट को निराशा जनक बताया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वो व्यर्थ है। बीजेपी सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा कर एक शर्मनाक रिकार्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय हो गया है। यह बीजेपी का ‘विदाई बजट’ है।
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बजट की तुलना खजूर के पेड़ से की है। कमलनाथ ने अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, "बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। मोदी सरकार के आज पेश किए गए अंतरिम बजट की स्थिति कुछ ऐसी ही है। हमें आशा थी कि चुनाव से पूर्व के इस बजट में वित्त मंत्री बताएंगी कि प्रधानमंत्री ने जो हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था उस हिसाब से 20 करोड़ रोजगार देने का टारगेट कहीं पहुंचा भी या नहीं?"
कमलनाथ ने मध्यवर्ग की उम्मीदों का जिक्र करते हुए कहा मध्यमवर्ग को आशा थी कि सरकार इनकम टैक्स स्लैब में कोई छूट देगी, लेकिन एक बार फिर से अपना जन विरोधी चेहरा सामने लाते हुए मोदी सरकार ने आयकर में कोई छूट नहीं दी। मोदी सरकार ने वादा किया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी लेकिन आज 2024 के बजट में भी किसानों के पक्ष में एक ढंग की बात भी सरकार नहीं बोल सकी।
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युवाओं और महिलाओं का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं। यह बजट नहीं है, सिर्फ एक झुनझुना है।
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कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी देश की जनता को बीजेपी मोदी सरकार द्वारा पेश बजट से निराशा हाथ लगी है। इस बजट से देश को समझ गया है कि बीजेपी के पास देश के युवाओं, किसानों, आम आदमी, और महिलाओं के लिए काम करने की कोई नियत और इच्छा शक्ति और नियत नहीं है। 2024 में मोदी सरकार की विदाई पक्की हो गई है। इस बार भी देश के युवाओं, किसानों और मध्यवर्ग को धोखा दिया गया है। वादा कर वोट देश के युवाओं से नौकरियों के नाम पर लिया गया था। लेकिन काम सिर्फ उद्योगपतियों के लिए हुआ है। निजीकरण कर 14 लाख करोड़ कर्ज पूंजीपतियों का माफ हुआ।
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गौरतलब हो कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इसके बाद नई सरकार आने पर जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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