उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के भूपेंद्र यादव द्वारा दिए गए नोटिस को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के पास भेज दिया है। अब इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ही कोई फैसला लेंगी। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति को सौंप दिया जाए। यह मामला राहुल गांधी द्वारा केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यसभा में नेता सदन अरुण जेटली के लिए ‘जेटलाई’ नाम का उपयोग कर सदन की गरिमा को ठेस पहंचाने का है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बेसिर पैर के मुद्दे उठाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा है कि स्वयं बीजेपी का नेतृत्व इस तरह की फिल्मी सुर्खियां गढ़ने के काम में व्यस्त रहता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “बीजेपी देश में जारी कृषि संकट, बढ़ती बेरोजगारी और गंभीर आर्थिक गिरावट जैसे गंभीर मुद्दों की जिम्मेदारी लेने की बजाय लोगों का ध्यान भटकाने की नियत से ऐसे बेसिर पैर के मुद्दे उठा रही है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राहुल गांधी के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर कहा कि वे इसमें किसी तरह का विशेषाधिकार हनन नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा, “अगर विशेषाधिकार हनन की यही कसौटी है तो फिर मोदी सरकार के कई मंत्रियों को भी इसी तरह का नोटिस दिया जाना चाहिए। इस सरकार के कई मंत्रियों ने कई बार ऐसी बातें कही हैं जो विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है।“
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की निष्ठा पर सवाल उठाए जाने को लेकर संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए जेटली ने सफाई दी थी। जेटली ने सफाई देते हुए राज्यसभा में कहा था कि पीएम मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह की निष्ठा पर कोई सवाल नहीं उठाए थे। जेटली की इस सफाई पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया था, “थैंक्यू मिस्टर ‘जेटलाई’, देश को यह याद दिलाने के लिए कि हमारे पीएम जो कहते हैं, उसका वह अर्थ नहीं होता और जो अर्थ होता है, वह बात पीएम नहीं कहते।“ राहुल गांधी ने अपने ट्विट के साथ #BJPLies हैशटैग का भी इस्तेमाल किया था।
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बीजेपी के राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने नियम 187 के तहत 28 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया था। यादव ने नोटिस में आरोप लगाया था कि राहुल ने अरुण जेटली के नाम को तोड़ा-मरोड़ा, जो अपमानजनक और राज्यसभा की कार्यवाही का गलत अर्थ निकालने जैसा था।
यादव ने सदन में कहा था, "इस सदन के सदस्यों की अपनी मर्यादा है। सदन के नेता अरुण जेटली का नाम जानबूझकर इस सदन का अपमान करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा बिगाड़ कर पेश किया गया। जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा सदन के नेता का नाम तोड़ा-मरोड़ा गया है, यह विशेषाधिकार हनन के अंतर्गत आता है। मैं आपसे, राहुल गांधी को नोटिस जारी करने का आग्रह करता हूं।"
शुक्रवार को समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र में यादव ने फिर से यह मुद्दा उठाया था, जिसपर सभापति ने कहा था कि यह मामला उनके विचाराधीन है। वेंकैया नायडू ने इस बात के संकेत दिए थे कि यह विषय उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इसीलिए वह इसे लोकसभा स्पीकर को भेजने पर विचार कर रहे हैं।
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