राजस्थान के जोधपुर में 19 साल पुराने काले हिरण के शिकार केस में आज फैसला सुनाया जाएगा। मामले में मुख्य आरोपी अभिनेता सलमान खान फैसले के वक्त मौजूद रहने के लिए जोधपुर पहुंच चुके हैं। वे अपनी बहन अलविरा और अर्पिता के साथ पहुंचे हैं। इनके अलावा अभिनेत्री तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और अभिनेता सैफ अली खान भी जोधपुर पहुंच चुके हैं। ये सभी मामले में आरोपी हैं। सभी कांकाणी हिरण शिकार मामले में न्यायालय में पेश होंगे।
जोधपुर पहंचे सलमान एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के बीच नजर आए। जोधपुर निकलने से पहले सलमान मुंबई के कलीना एयरपोर्ट पर अपनी दोनों बहन अलविरा और अर्पिता के साथ नजर आए।
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1998 के इस मामले में सलमान के साथ सैफ अली खान समेत कई दूसरे सितारे भी आरोपी हैं। सुनवाई के लिए सभी सितारे जोधपुर पहुंचे हैं। फैसले के वक्त सभी आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहना है। सैफ, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम पर शिकार के लिए उकसाने का आरोप है।
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पिछले हफ्ते जोधपुर ग्रामीण के सीजीएम कोर्ट में मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने इस मामले में सभी आरोपियों को मौजूद रहने का निर्देश देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। भी मिला था। कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलों की सुनवाई का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
आरोप है कि 1998 में फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के दौरान फिल्म के कुछ कलाकारों ने प्रतिबंधित काले हिरण का शिकार किया था। सलमान खान पर आरोप है कि उन्होंने जिस बंदूक से काले हिरण का शिकार किया, उसका लाइसेंस भी उनके पास नहीं था। हालांकि, आर्म्स ऐक्ट से जुड़े इस केस में सलमान को 2017 में जोधपुर कोर्ट ने बरी कर दिया था।
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इसी मामले से जुड़े दो अन्य केस में राजस्थान हाई कोर्ट ने जुलाई 2016 में सबूतों के अभाव में सलमान खान को बरी कर दिया था। इस चर्चित मामले में सलमान एक हफ्ते के लिए जेल में भी रह चुके हैं। निचली अदालत ने सलमान को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग मामलों में एक और पांच साल की सजा सुनाई थी। दो चिंकारा शिकार के मामले में सलमान खान को पहली बार 17 फरवरी 2006 को जोधपुर की निचली अदालत से एक साल की सजा हुई थी। सलमान खान पर हिरण शिकार मामले में कुल चार केस दर्ज हुए थे। इस मामले में सलमान खान के साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम पर भी शिकार के लिए सलमान को उकसाने का आरोप है।
सलमान समेत अन्य आरोपियों पर मथानिया और भवाद में दो चिंकारा के शिकार के दो अलग-अलग मामले, कांकाणी में हिरण शिकार मामला और लाइसेंस समाप्त हो जाने के बाद भी रायफल रखने (आर्म्स ऐक्ट) का आरोप है। हिरण शिकार का तीसरा केस कंकाणी गांव में 1-2 अक्टूबर 1998 की रात को दो काले हिरणों के शिकार का है। ये मामला आर्म्स ऐक्ट में अतिरिक्त अभियोग लगने की वजह से जुलाई 2012 तक लंबित रहा था।
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