महाराष्ट्र के बाद बिहार में भी बीजेपी के लिए गठबंधन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। यहां बीजेपी और जेडीयू में कई मुद्दों पर मतभेद है। वहीं एनआरसी पर भी दोनों दल आमने-समाने हैं। बिहार में मिलकर सरकार चला रहे जनता दल(युनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर अलग-अलग सुर अलापे हैं। जेडीयू के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर बिना किसी का नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा है।
Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST
प्रशांत ने ट्वीट किया कि 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और ये ऐसे राज्य हैं, जहां देश की 55 फीसदी से अधिक जनसंख्या है। उन्होंने आगे सवालिया लहजे में कहा, “आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं।”
Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST
गौरतलब है कि बीजेपी के बयानवीर और मोदी सरकार में मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह लगातार एनआरसी के पक्ष में बोलते रहे हैं। गिरिराज ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि पश्चिम बंगाल और बिहार में एनआरसी की जरूरत है।
Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST
उन्होंने लिखा था, “पश्चिम बंगाल बिहार में एनआरसी की जरूरत, बिहार में एनआरसी की जरूरत, बाहरी लोगों को छोड़ना होगा देश। जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो। अपने संस्कार और संस्कृति को सहेजने की जरूरत।”
Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST
बता दें कि बुधवार को संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनआरसी से डरने की जरूरत नहीं है, और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। हालांकि कई राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि वो किसी भी हाल में अपने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगी। वहीं बीजेपी के कई सहयोगी दल भी इसके खिलाफ हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST
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Published: 21 Nov 2019, 12:04 PM IST