कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की वकालत करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार चार राज्यों में भी एक साथ चुनाव नहीं करा पा रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार कई राज्यों और यहां तक कि वायनाड में भी उपचुनाव नहीं करा पा रही है। टोंक में पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो सरकार बोलती थी कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ हो वह चार राज्यों का चुनाव भी एक साथ नहीं करा सकती है या कराना नहीं चाहती है। वायनाड का लोकसभा सीट का उपचुनाव बाकी है… न जाने किन कारणों से निर्वाचन आयोग ने सभी जगह चुनाव की घोषणा नहीं की।’’
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उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस हरियाणा में बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। सचिन पायलट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव होने जा रहे हैं और वहां भी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस’ (इंडिया) गठबंधन बेहतर प्रदर्शन करेगा।
उदयपुर हिंसा पर पायलट ने शांति बनाए रखने की अपील है और कहा कि लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को कानून-व्यवस्था को सख्ती से बनाए रखना चाहिए। अगर कहीं कोई विवाद है तो उसे आपसी समझ से सुलझा लेना चाहिए। ऐसी घटनाओं से किसी का भला नहीं होता। लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए।’’
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बांग्लादेश के हालात पर कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई भी किसी भी देश में हिंसा का समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा ‘‘मैं तो केंद्र सरकार से यहीं मांग करता हूं कि उन्हें दबाव बनाकर बांग्लादेश में जिन अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।’’
पूर्वी राजस्थान में बारिश से मची तबाही पर उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि राज्य में आपदा एवं राहत विभाग काम कर रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार को कदम उठाने चाहि और भारी बारिश के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों की मदद करनी चाहिए।
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उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब ऐसी स्थिति पैदा हुई है। अक्सर बारिश के कारण फसलों को नुकसान होता है। सरकार को इसके समाधान के लिए सरल प्रक्रिया बनानी चाहिए। टोंक जिले में जहां नुकसान हुआ है, वहां सरकार को तुरंत प्रभाव से मुआवजा देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण कई लोगों की जान चली गई और संपत्ति को भी क्षति हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार को राहत प्रदान करने के लिए तत्काल प्रभाव से नुकसान का विशेष आकलन कराना चाहिए।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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