दिवाली के बाद से ही गैस चैंबर में तब्दील हुए दिल्ली और एनसीआर में जहां एक तरफ लोगों के लिए सांस लेना भर मुश्किल हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ समस्या का समाधान निकालने के बजाए बीजेपी के नेता आए दिन प्रदूषण को लेकर उलटे-सीधे बयान देने में लगे हुए हैं। ताजा बयान बीजेपी नेता विनीत अग्रवाल शारदा की तरफ से आया है, जिन्होंने जहरीली हवा और दमघोंटू पर्यावरण के लिए पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली का बचाव करते हुए पाकिस्तान और चीन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
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दरअसल मेरठ से भारतीय जनता पार्टी के नेता विनीत अग्रवाल शारदा ने एक बयान में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ हो सकता है। इसके अलावा बीजेपी नेता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के खेतों में जल रही पराली का दिल्ली के प्रदूषण से कोई संबंध नहीं है।
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एक न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा कि पकिस्तान और चीन दोनों ही देश बहुत बुरी तरह से डरे हुए हैं। ऐसे में यह भी हो सकता है कि चीन या पकिस्तान की ओर से जहरीली गैस छोड़ी गई हो।
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बीजेपी नेता ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, “मुख्यमंत्री केजरीवाल कह रहे हैं कि पराली जलाने से नुकसान हो रहा है, उद्योगों से नुकसान हो रहा है। किसान और व्यापारी को इतना प्रभावित मत कीजिए, दोनों देश की रीढ़ हैं, इनके टूटने से देश चल नहीं पाएगा।”
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बीजेपी नेता ने कहा कि जब से बीजेपी की सरकार सत्ता में आई है, तब से आर्थिक रूप से पाकिस्तान की कमर टूटी पड़ी है। इसी वजह से पाकिस्तान इस समय बुरी तरह से बौखलाया हुआ है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान हर दिन खात्मे की तरफ बढ़ रहा है और ऐसे में हमें सचेत रहने की जरुरत है क्योंकि वह कुछ भी कर सकता है।
हालांकि दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर बीजेपी नेताओं द्वारा बेतुकी बयानबाजी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री सुनील भराला ने प्रदूषण को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि पराली जलाने से प्रदूषण नहीं होता है। प्रदूषण से बचने के लिए हमें भगवान इंद्र देव की प्रार्थना करनी चाहिए।
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योगी के मंत्री ने कहा था, “प्रदूषण के लिए पराली-पराली चिल्लाना किसानों पर सीधा हमला है। किसान परिवार में जन्मे लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है। किसान गन्ना छीलता है तो उससे पत्ती निकल कर आती है। अगर कोई फसल कटता है, चाहे वह की उड़द की दाल, अरहर की दाल हो या फिर मूंग की दाल हो। इन सभी चीजों को छीलने के बाद कूड़ा इकट्ठा हो जाता है। इसे हमेशा से जलाया जाता रहा है। जब यह जलेगा तो थोड़ा बहुत धुआं जरूर निकलेगा। इससे प्रदूषण ज्यादा नहीं होता। यह तो किसान का प्राकृतिक सिस्टम है।”
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इसके अलावा बीजेपी के मंत्री ने कहा था, “पराली जलाने को लेकर जो हमला हो रहा है। यह बेहद दुखद है। इस पर विचार किया जाना चाहिए और मैं यह कहना चाहता हूं कि जितना ध्यान इस बात पर दिया जा रहा है, गांवों में यज्ञ करने की जो हमारी परंपराएं थीं उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सरकारें भी यज्ञ कराएं, भगवान इंद्र देव को मनाए, ताकि बारिश हो और सब ठीक हो जाए।”
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बता दें कि दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का लेवल बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया था। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली पर रोक लगाने के लिए दोनों राज्यों की सरकार से इसके खिलाफ एक्शन लेने का आग्रह किया था। रविवार को प्रदूषण का लेवल इतना खराब था कि हवा की गुणवत्ता मांपने के सभी यंत्र भी फेल हो गए थे। दिल्ली में प्रदूषण पर नकेल कसने के लिए दिल्ली सरकार ने 4 से 15 नवम्बर तक ऑड इवन नियम लागू किया है।
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