मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश की पूर्व भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के गलत निर्णयों के कारण प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ डाला गया, जिसके कारण वर्तमान सरकार को गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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कांगड़ा जिले के देहरा में स्वतंत्रता दिवस सामारोह को संबोधित करते हुए सुक्खू ने पूर्व बीजेपी सरकार पर राजनीतिक फायदे के लिए बिजली और पानी के बिल माफ करने का आरोप लगाया, जिससे राज्य के सरकारी खजाने पर 1080 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ‘साहसिक कदम’ उठा रही है।
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सुक्खू ने आरोप लगाया कि 15वें वित्त आयोग ने राज्य को दिए जाने वाले राजस्व घाटा अनुदान में कटौती की लेकिन बीजेपी सरकार ने इस मुद्दे को नहीं उठाया।
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष हिमाचल प्रदेश का मामला उठाया है।
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सुक्खू ने दावा किया कि राज्य सरकार के हालिया कदमों से 2,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद राज्य को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने दावा किया, “(राज्य) सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया है लेकिन केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों द्वारा दिए गए 9,200 करोड़ रुपये वापस नहीं कर रही है।”
पीटीआई के इनपुट के साथ
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