बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट न दिए जाने के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी टिकट नहीं मिला है। खबरों के मुताबिक कैलाश ने टिकट न मिलने पर मजबूरन चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है।
बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "इंदौर की जनता, कार्यकर्ता व देशभर के शुभचिंतकों की ईच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, पर हम सभी की प्राथमिकता समृद्घ भारत के लिए नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाना है। पश्चिम बंगाल की जनता मोदी के साथ खड़ी है, मेरा बंगाल में रहना कर्तव्य है, अत: मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है।"
विजयवर्गीय ने आगे लिखा, "आशा है कि आप भी देश हित एवं पार्टी हित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे व पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनाएगी, उनकी जीत के लिए, जी जान से जुट जाएंगे। मेरी न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश के मतदाताओं से विनती है कि एनडीए जैसी मजबूत सरकार एवं मोदीजी जैसे मजबूत पीएम के लिए मतदान करें। यही विनय।"
एक अन्य ट्वीट में विजयवर्गीय ने लिखा, "भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्घांत है, नेशन फर्स्ट-पार्टी सेकेंड-सेल्फ लास्ट। जहां सवाल देश हित और पार्टी हित का हो वहां स्वयं का कोई महत्व नहीं रह जाता। हमारे सामने पश्चिम बंगाल में पार्टी को अधिकाधिक सीटें जिताने का लक्ष्य है, यह लक्ष्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी चुनौती भी है।"
बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने इंदौर से पंकज संघवी को उम्मीदवार बनाया है, वहीं भाजपा अब तक अपने उम्मीदवार का चयन नहीं कर पाई है। कैलाश के अलावा बीते 8 चुनाव से लगातार जीतती आ रही सुमित्रा महाजन भी पार्टी के 75 वर्ष की आयु पार कर चुके लोगों को उम्मीदवार न बनाए जाने के फैसले को ध्यान में रखकर स्वयं ही चुनाव लड़ने से इंकार कर चुकी हैं।
Published: 17 Apr 2019, 12:48 PM IST
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Published: 17 Apr 2019, 12:48 PM IST