बिहार में इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब करीब सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में नजर आने लगी हैं। रविवार को बीजेपी के नेता और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के लोगों के लिए वर्चुअल रैली करेंगे, वहीं इस रैली के विरोध में आरजेडी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर थाली बजाई। पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, विधानसभा मे विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अपने समर्थको के साथ सड़क पर उतरे और जम कर थाली बजायी।
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इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीब भूखे मर रहे हैं। दूसरी ओर BJP और JDU जश्न मना रही है। बिहार में डबल इंजन की सरकार ने गरीबों को प्रताड़ित किया है। लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों से लौट रहे गरीब मजदूरों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा बर्ताव किया गया। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। देशभर में लगभग 12 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। कोरोना काल में 13 करोड़ लोग बीपीएल में जुड़े हैं।
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तेजस्वी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को गरीबों को खाना और रोजगार देना चाहिए था। गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और अस्पताल देना चाहिए था, लेकिन ये लोग जश्न मना रहे हैं। बीजेपी और जेडीयू को सिर्फ सत्ता की भूख मिटाना है। इन्हें जनता की भूख की परवाह नहीं है। बीजेपी दुनिया की ऐसी पहली पार्टी है जो गरीबों की मौत पर जश्न मना रही है।
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तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, "प्रचार के लिए एक एलईडी स्क्रीन पर औसत खर्च 20,000 रुपये। बीजेपी की आज की रैली में 72 हजार एलईडी स्क्रीन लगाए गये हैं मतलब 144 करोड़ सिर्फ एलईडी स्क्रीन पर खर्च किए जा रहे है। श्रमिक एक्सप्रेस का किराया 600 रुपये था वो देने ना सरकार आगे आई और न ही बीजेपी। इनकी प्राथमिकता गरीब नहीं बल्कि चुनाव है।"
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इसके अलावे आरजेडी के कई नेताओं ने भी अपने घरों से बाहर निकले और थाली बजाई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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