पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसात्मक घटनाएं हुईं। उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ पुलिस ने कई युवकों को गोली का शिकार बनाया, वहीं बिहार में CAA के खिलाफ RJD की ओर से बुलाए गए बंद के दौरान एक मुस्लिम युवक की हत्या कर दी गई थी। बंद के दौरान आमिर हंजला नाम का एक मुस्लिम युवक हाथ में तिरंगा झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहा था। पुलिस ने इस हत्या के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग एक हिंदूवादी संगठन से जुड़े हुए हैं।
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दरअसल बिहार में 21 दिसंबर को RJD की तरफ से बुलाए गए बिहार बंद के दौरान आमिर नाम के एक मुस्लिम युवक की हत्या कर दी गई थी और हत्या के 10 दिन बाद उसका शव बरामद हुआ था। इस हत्या के मामले में बिहार के फुलवारी शरीफ पुलिस ने हिंदू पुत्र संगठन के कार्यकर्ता नागेश सम्राट (23) और हिन्दू समाज संगठन के कार्यकर्ता विकास कुमार (21) को आरोपी बनाया है। इनके अलावा इस मामले में पुलिस ने दीपक महतो, छोटू महतो, सनोज महतो उर्फ धेलवा और रईस पासवान को गिरफ्तार किया है।
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जानकारी के मुताबिक आमिर हंजला बैग बनाने वाली एक कंपनी में काम करता था। फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन के इंचार्ज रफीकुर रहमान ने बतया, “हमारी जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि CAA के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया तो आमिर भी वहां से भाग गया था लेकिन आरोपी युवकों ने उसे पास की ही एक गली में पकड़ कर उसकी हत्या कर दी थी।”
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स्टेशन इंचार्ज ने बताया कि 10 दिन बाद उसका शव बरामद किया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आमिर के शरीर पर ईंट और किसी नुकीली चीज़ से वार कर उसकी हत्या की बात सामने आई है। पुलिस ने यह भी बताया कि उसके पेट में काफी रक्त जमा हो गया था, जिससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिटाई की वजह से उसे इंटरनल ब्लीडिंग भी हुई होगी।।
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उधर तबलीगी जमात से ताल्लुक रखने वाले मृतक आमिर के पिता ने बताया कि उनका बेटा पहली बार किसी प्रदर्शन का हिस्सा बना था। उन्होंने कहा कि “उसकी क्या गलती थी? वह तिरंगा पकड़े हुए था।”
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फुलवारी शरीफ की पुलिस ने इस बात की भी पुष्टि की है कि हिंदू पुत्र संगठन उन 19 संगठनों में से एक है जिनके कार्यालयों और पदाधिकारियों की जानकारी बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने बीते साल मई में मांगी थी। पुलिस के मुताबिक, 21 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की साजिश में हिन्दू संगठन से जुड़े जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वे दोनों ही भीड़ में शामिल थे। ये दोनों ही युवक पटना के बाहर के निवासी है। तीन साल पहले बिहार में हुए सांप्रदायिक दंगों में शामिल भीड़ को बाहर से प्रायोजित तरीके से बुलाया गया था।
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