बिहार के भोजपुर के सपूत और महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह का अंतिम संस्कार शुक्रवार को भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव के महुली घाट पर राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया। डॉ़ वशिष्ठ नारायण सिंह के भतीजे मुकेश कुमार ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी और इसके साथ ही सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। इस दौरान में महुली घाट पर पहुंचे हजारों लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। कई लोगों ने इस दौरान गणितज्ञ को देश की शान बताया और उनके कई संस्मरण सुनाए।
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शुक्रवार सुबह डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह की शव यात्रा निकाली गई। शव यात्रा में जन सैलाब उमड़ पड़ा था। शव यात्रा में शामिल लोग 'डॉ. वशिष्ठ अमर रहे', 'जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक वशिष्ठ सिंह का नाम रहेगा' जैसे नारे लगाते रहे।
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डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के पार्थिव शरीर के महुली घाट पहुंचने के बाद पूरे रीति-रिवाज और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर भोजपुर जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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बता दें कि देश से लेकर विदेश तक में भोजपुर के इस गांव का नाम रौशन करने वाले सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को भोजपुर जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसंतपुर गांव स्थित उनके पैतृक आवास लाया गया था। उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए शुक्रवार सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। हर कोई मानो उनके अंतिम दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेना चाह रहा हो। वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में निधन हो गया था। वह पिछले 40 सालों से सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित थे।
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वशिष्ठ नारायण सिंह के छोटे भाई अयोध्या प्रसाद सिंह और भतीजे राकेश कुमार ने गुरूवार को बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे मौत के बाद पीएमसीएच ने उनकी मृत्यु के बाद शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया था। इसके कारण शव के साथ दो घंटे तक अस्पताल परिसर में ही इंतजार करना पड़ा था। काफी देर होने पर परिजन और कुछ लोग हंगामा करने लगे थे। मीडिया में खबर फैलने पर डीएम कुमार रवि के निर्देश पर स्पेशल ट्रीटमेंट एंबुलेंस से उनका पार्थिव शरीर कुल्हड़िया कॉम्प्लेक्स पहुंचाया गया था।
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एक महान व्यक्ति की निधन के बाद भी इस तरह की बेकद्री होती देख लोगों ने जमकर नीतीश सरकार को घेरा। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी इस घटना को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “कल बिहार गौरव और हमारी सांझी धरोहर महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुःख हुआ। मौत सबको एक ना एक दिन आनी ही है लेकिन मरणोपरंत जिस प्रकार उनके पार्थिव शरीर के साथ असंवेदनशील नीतीश सरकार द्वारा जो अमर्यादित सलूक किया गया वह अतिनिंदनीय है।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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