कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है, लेकिन इसके उलट पर्यावरण के हिसाब से देखा जाए तो कोरोना के चलते धरती को बहुत फायदा हुआ है। सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन ये सच्चाई है। अब समझिए कि आखिर कैसे पर्यावरण को इस महामारी से फायदा हुआ है।
Published: undefined
दरअसल, कोरोना वायरस के कारण कई देशों में लॉकडाउन है। जिसकी वजह से प्रदूषण कम हो रहा है। धरती साफ हवा में सांस ले रही है। आसमान साफ हो गए है। रात में तारे दिखाई देने लगे हैं, हालांकि पहले भी दिखाई देते थे, लेकिन इतने साफ नहीं जिनते इन दिनों दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि धरती पर इतनी साफ हवा करीब 75 साल बाद देखने को मिल रही है। इससे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के पहले मौसम इतना साफ हुआ था। लॉकडाउन की वजह से गाड़ियों का चलना कम हो गया है, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ बंद हो गया है। जिसकी वजह से कार्बन उत्सर्जन कम हो गया है।
Published: undefined
ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के प्रमुख रॉब जैक्सन के मुताबिक इस साल कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है। करीब 5 प्रतिशत तक कार्बन उत्सर्जन कम होगा। साल 2008 में जब आर्थिक मंदी के दौर से दुनिया गुजर रही थी तब भी कार्बन उत्सर्जन गिरकर 1.4 प्रतिशत हो गया था। कैलिफोर्निया स्थिति स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉब जैक्सन का कहना है कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के वक्त कई देश बंद थे। गाड़ियों का परिचनाल, उद्योग और बाजार बंद थे। जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया था। उसके बाद कभी ऐसा नहीं हुआ। फिर से साल 2020 में वैसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।
Published: undefined
वहीं, पूर्वी इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया की पर्यावरण विज्ञानी कोरीन ले क्वेरे ने भी कहा है कि अभी धरती पर अच्छा बदलाव दिख रहा है। लेकिन जब लॉकडाउन खत्म होगा स्थिति पहले जैसी हो जाएगी। 2008 की आर्थिक मंदी के बाद धरती पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में अद्भुत गिरावट आई थी. लेकिन उसके बाद वह वापस 5.1 फीसदी बढ़ गया।
Published: undefined
आपको बता दें, संयुक्त राष्ट्र ने नवंबर 2019 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर हर साल कार्बन उत्सर्जन में 7.6 फीसदी की गिरावट आए तब जाकर ग्लोबल वॉर्मिंग में 1.5 डिग्री सेल्सियस की कमी आएगी। चीन में लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर और कार्बन उत्सर्जन 30 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस साल कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से कार्बन उत्सर्जन में 10 से 20 फीसदी की गिरावट आती भी है तो ये बहुत दिन तक नहीं रह पाएगी। क्योंकि 2021 की शुरुआत होते ही यह फिर से बढ़ने लगेगी। जो कि चिंता का विषय है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined