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बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष के नाम जारी किया कारण बताओ नोटिस, 72 घंटे में देना होगा जवाब

आईएमए ने बताया कि एसोसिएशन की पश्चिम बंगाल यूनिट और डॉक्टरों के कुछ अन्य संघों ने संदीप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने 3 सितंबर को घोष की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की थी।

फोटो: IANS
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें नहीं थम रही है। सीबीआई की हिरासत में भेजे जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल ने संदीप घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

सूत्रों ने कहा कि संदीप घोष अगर अगले 72 घंटों के भीतर कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं देते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।

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इससे पहले पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के आधार पर उनकी मेडिकल सेवाओं को निलंबित कर दिया था।

स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आदेश में संदीप के निलंबन की घोषणा की थी। आदेश में कहा गया था, "कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के मद्देनजर उनको पश्चिम बंगाल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1971 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।"

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आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े होने के आरोप में डॉक्टर संदीप घोष, सीबीआई की हिरासत में हैं। इससे पहले 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने घोष के निलंबन की घोषणा की थी।

आईएमए ने बताया कि एसोसिएशन की पश्चिम बंगाल यूनिट और डॉक्टरों के कुछ अन्य संघों ने संदीप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने 3 सितंबर को घोष की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की थी।

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घोष को 16 दिनों की पूछताछ के बाद 2 सितंबर की शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया था। बीते मंगलवार को एक अदालत ने उन्हें आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।

संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई दो केसों की जांच कर रही है। एक मामला महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का है, जबकि दूसरा मामला उनके कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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