भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि गंगा नदी को प्रदूषित कर रही है। पतंजलि उन कंपनियों की लिस्ट में शामिल है जो गंगा को प्रदूषित कर रही हैं। मोदी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट 19 दिसंबर को संसद के दोनों सदनों में पेश की गई। रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। सीएजी के मुताबिक गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली हरिद्वार की जिन 9 कंपियों को बंद किया गया था, उनमें से 7 कंपनियां अभी भी चल रही हैं। यही नहीं हरिद्वार के पांच आश्रमों को बंद करने की चेतावनी मिलने के बाद वहां सेप्टिक टैंकों की व्यवस्था की गई, ताकी गंदा पानी गंगा में ना पहुंचे। कैग रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सरकार द्वारा गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे परियोजना को आवंटित 2600 करोड़ रुपये को खर्च ही नहीं किया गया।
इस खबर को यहां पढ़ें मोदी सरकार का ढकोसला है ‘नमामि गंगे’ परियोजना, कैग रिपोर्ट का खुलासा- नहीं इस्तेमाल किए 2600 करोड़ रुपये
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 180 दोषी उद्योगों में से 42 उद्योगों ने नोटिस के बावजूद अनुपालन प्रस्तुत नहीं किया और ना ही निरीक्षण के लिए यूईपीपीसीबी से संपर्क किया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में गंगा नदी को साफ करना बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा था। चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने गंगा की सफाई को बड़ा मुद्दा बनाया था। साथ ही उसने जनता से यह वादा भी किया था कि जब वह सरकार में आएगी तो सबसे पहले गंगा नदी की सफाई करेगी। बीजेपी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान गंगा नदी की सफाई के नाम पर लोगों की आस्था को भुनाते हुए अपने लिए वोट की अपील की थी। लेकिन आज बीजेपी के सारे दावे और वादे हवाहवाई साबित होते नजर आ रहे हैं।
Published: 20 Dec 2017, 8:25 PM IST
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Published: 20 Dec 2017, 8:25 PM IST