सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही शुरू होने साथ ही अयोध्या मामले में मध्यस्थता पर अपना फैसला सुना सकता है। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि अगर एक प्रतिशत भी गुंजाइश होगी तो अदालत इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाने की कोशिश करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार मामले के सभी पक्षकारों ने अपनी ओर से मध्यस्थों के नाम अदालत को दे दिए हैं। हिंदू महासभा ने पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, पूर्व सीजेआई जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक के नाम मध्यस्थता के लिए दिए हैं। जबकि निर्मोही अखाड़ा ने भी मध्यस्थता के लिए तीन नाम दिए हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कुरियन जोसेफ, एके पटनायक और जीएस सिंघवी शामिल हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से भी तीन नाम दे दिए गए हैं। हालांकि उनका अभी पता नहीं चला है।
बता दें कि बुधवार को हुई सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य हिंदू संगठनों ने इस विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के शीर्ष अदालत के सुझाव का विरोध किया था। वहीं मुस्लिम पक्षकारों ने मध्यस्थता पर सहमति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करे कि बातचीत कैसे हो।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined