देश भर में प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतों में लगी आग का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी गूंजा। सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्याज की बढ़ी कीमतों का मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके ही नारे का इस्तेमाल करते हुए करारा तंज कसा। कांग्रेस नेता ने कहा कि आज बाजार में आग लगी हुई है। प्याज समेत सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है। आज प्याज कहीं 130, कहीं 140, तो कहीं 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब जाकर सरकार ने प्याज का आयात करना शुरू किया है, लेकिन अगर सरकार ने ये आयात पिछले कई महीनों से किया होता, तो आज बाजार में इस तरह की आग नहीं लगी होती। आयात पर भी सवाल उठाते हुए चौधरी ने कहा कि सरकार 27 रुपए किलो की दर से प्याज आयात कर रही है, लेकिन आम लोगों को अभी भी बाजार में प्याज 130 से 150 रुपए किलो मिल रहा है।
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प्याज की बढ़ती कीमतों में बिचौलियों की भूमिका का जिक्र करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस सबके बीच जो बात सबसे ज्यादा दुख देती है, वो ये है कि प्याज की आसमान छूती कीमतों के बावजूद इसे उपजाने वाले हिंदुस्तान के आम किसानों को अपनी फसल का सिर्फ 8 से 9 रुपए प्रति किलो ही मिलता है। इस दौरान प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहा करते थे कि ना खुद खाउंगा ना खाने दूंगा, लेकिन आज ये सरकार खुद स्वीकार करती है कि आज बिचौलियों के चलते, जमाखोरों के चलते प्याज की दर में इतना इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, “अगर ये बात सही है तो प्रधानमंत्री जी, हम ये बात कह सकते हैं कि आप नहीं खाते होंगे, लेकिन बिचौलिए जरुर खा रहे हैं।”
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सदन में अधीर रंजन चौधरी के इतना कहते ही बीजेपी के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी सांसद मांग कर रहे थे कि अधीर रंजन चौधरी अपने पिछले बयानों के लिए माफी मांगें, तभी उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी। सदन में सत्ता पक्ष के व्यवहार पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्तारुढ़ पार्टी खुद आज सदन चलाने नहीं देती। आम जनता की बात को सदन में सत्ता पक्ष नहीं रखने दे रहा। ये सरकार आम जनता के विषयों का सामना नहीं करना चाहती।
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अधीर रंजन ने कहा कि हम लोग से मांग कर रहे हैं कि सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर चर्चा होनी चाहिए। आर्थिक स्थिति को लेकर चर्चा होनी चाहिए, बेरोजगारी को लेकर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन कुछ नहीं होता है। बार-बार घुमा-फिराकर अपनी मर्जी के मुताबिक ये सदन को चलाना चाहते हैं। जब बाजार में प्याज और सब्जी की कीमतों में लगी आग का मुद्दा हम उठाना चाहते हैं तो ये किसी बहाने कोई दूसरा मुद्दा सामने रखकर लोगों का ध्यान इस मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
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