देश की 10 सुरक्षा एजेंसियों को हर किसी को कम्प्यूटर में झांकने और उसमें मौजूद सारी जानकारियां और डाटा हासिल करने का अधिकार देने के मोदी सरकार के आदेश पर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने एकजुट होकर मोदी सरकार का घेराव किया है। संसद में विपक्ष ने एकजुट होकर यह मुद्दा उठाया। विरक्ष ने इसे एक सुर में 'अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अस्वीकार्य' करार दिया। विपक्ष का कहना है कि सरकार सुरक्षा एजेंसियों के जरिए लोगों की 'जासूसी' कराना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा है कि, “देश को पुलिस स्टेट बनाए जाने से मोदी जी की समस्याएं खत्म नहीं होने वाली। इससे आपने 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के सामने सिर्फ यह साबित किया है कि आप कितने बड़े तानाशाह हैं।”
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कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार इसके जरिए देश को 'सर्वलांस स्टेट' के रूप में बदलना चाहती है। उन्होंने कहा, 'यह मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन है। इतना ही नहीं सरकार का यह फैसला निजता के अधिकार पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करता है।‘
लेकिन सरकार ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह नियम तो 2009 से मौजूद है। राज्यसभा में सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, “विपक्ष राई का पहाड़ बनाने की कोशिश कर रहा है।”
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वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस पर सफाई देते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिस पर हल्ला हो। इस आदेश का पालन करने से पहले गृह मंत्री की मंजूरी जरूरी होगी।
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वहीं गृह मंत्रालय ने भी एक स्पष्टीकरण जारी किया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस आदेश को लागू करने की व्यवस्था पहले से मौजूद है और इस पर किसी भी किस्म की कार्यवाही तभी हो सकती है जब सक्षम अधिकारी ऐसा करने के लिए मंजूरी दें।
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लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को निजता का हनन बताया है। कांग्रेस ने कहा है कि, “मोदी सरकार पहले ही कह चुकी है कि निजता को बुनियादी अधिकार कहना सही नहीं है। इस सरकार ने इसीलिए सोशल कम्युनिकेशन हब बनाई थी, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चल रहे विमर्श को इंटरसेप्ट कर उसका विश्लेषण कर सके।” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों में मात खाने के बाद मोदी सरकार को 2019 में हार का भय सता रहा है इसीलिए वह लोगों की जिंदगी में तांकझांक करने के तरीके अपना रही है।
हर किसी के कम्प्यूटर की जासूसी करेगी सरकार, भाड़ में गया निजता का अधिकार
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, “आईटी एक्ट की जिस धारा 69 का हवाला दिया जा रहा है उसमें साफ है कि नागरिकों की जासूसी करने का किसी को पूर्णाधिकार नहीं दिया जा सकता और इसका इस्तेमाल सिर्फ जनहित में होना चाहिए।”
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कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र को तानाशाही में बदलना चाहती है। कांग्रेस ने सवाल पूछा कि, “आखिर किस जनहित के तहत सरकार ने एजेंसियों को ऐसे अधिकार दिए हैं, या फिर देश की संप्रभुता को कैसा खतरा है जिसे रोकने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।”
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