नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन का। यहां महिलाएं करीब दो महीनों से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इनके प्रदर्शन के कारण कुछ रास्ते भी बंद हैं। इन बंद रास्तों को खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन वार्ताकर नियुक्त किए हैं। तीन की बातचीत बेनतीजा रही है। वार्ताकार साधना रामचंद्रन शनिवार को चौथी दिन शाहीन बाग में प्रदर्शकारियों से बातचीत करने पहुंचीं। बातचीत के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक तरफ की सड़क खोलने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं।
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प्रदर्शनकारी एक तरफ की सड़क खोलने के लिए तैयार तो हैं लेकिन, इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। उनकी मांग है कि उन्हें 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाए और सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में आदेश जारी करे। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “उन्हें मीडिया और पुलिस पर भरोसा नहीं है, हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले।”
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प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग और जामिया के लोगों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने की भी मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले दो महीनों में हुई हर घटना की जांच होनी चाहिए। वे चाहते हैं कि प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा के लिए स्टील शीट का उपयोग किया जाए।
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शुक्रवार की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद वार्ताकार साधना रामचंद्रन आज सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शाहीन बाग पहुंची थीं और उन्होंने करीब डेढ़ घंटे प्रदर्शन स्थल पर बिताए और प्रदर्शकारियों से बातचीत की। कोर्ट ने रास्ता खुलवाने के लिए प्रदर्शकारियों से बातचीत के लिए वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार बनाया था।
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इससे पहले, शुक्रवार को हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए कहा था कि हम सब देख रहे हैं और आपकी बात कोर्ट में उठाएंगे। वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप सड़क खोल दें फिर देखिए कितने रास्ते खुल जाएंगे।
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