हमेशा विवादों में रहने वाले उत्तराखंड के विधायक प्रणव सिंह चैंपियन की भाजपा में वापसी पर घमासान मच गया है। राज्य में मचे सियासी तूफान के कारण दिल्ली तक हलचल मच गई है। पार्टी की राज्य इकाई के कुछ नेता इस मसले पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर शिकायत करने की तैयारी में हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि प्रणव सिंह चैंपियन एक नहीं कई बार अपनी हरकतों से पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं। सरेआम कई बार गोलियां चलाने के लिए कुख्यात हो चुके विधायक की वापसी से भाजपा की छवि पर खराब असर पड़ेगा। 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। पिछले साल तमंचे पर डिस्को करता वीडियो वायरल होने पर चैंपियन को भाजपा ने छह साल के लिए निकाल दिया था। दरअसल, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की खानपुर सीट से विधायक प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना नाता रहा है। पिछले साल जुलाई में उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह शराब पीने के साथ तमंचे और कई बंदूकों के साथ डांस कर रहे थे। वीडियो वायरल होने पर काफी किरकिरी हुई तो पार्टी ने छह साल के लिए चैंपियन को निकाल दिया। इससे एक महीने पहले जून में विधायक प्रणव सिंह चैंपियन दिल्ली में एक पत्रकार को जान से मारने की धमकी देने के कारण विवादों में घिरे थे, तब भी पार्टी ने उन्हें तीन महीने के लिए निलंबित किया था। दो महीने के अंदर दो संगीन गतिविधियों में घिरने के बाद पार्टी ने छह साल के लिए उन्हें निकाल दिया।
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इस बीच प्रणव सिंह चैंपियन पार्टी में वापसी को लेकर लगातार प्रयासरत रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का भी चक्कर काटा। बीते 23 अगस्त को देहरादून के बीजापुर सेफ हाउस में हुई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में प्रणव सिंह चैंपियन की वापसी की अर्जी पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि कोर कमेटी के कई नेताओं ने इस पर सख्त एतराज जताया। कहा कि अगर प्रणव सिंह चैंपियन को वापस लिया गया तो वह चुनाव के पहले फिर पार्टी को किसी संकट में डाल सकते हैं। हालांकि, कुछ नेताओं के वीटो पॉवर के चलते उनकी वापसी को हरी झंडी मिल गई।
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पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि प्रदेश अध्यक्ष और कोर कमेटी के इस फैसले के खिलाफ पार्टी के अंदरखाने में नााराजगी है। पार्टी के कुछ नेता जल्द उत्तराखंड से दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से इस मसले की शिकायत करने की तैयारी में हैं।
उत्तराखंड के एक पार्टी नेता ने आईएएनएस से कहा, "प्रणव सिंह चैंपियन का बीजेपी की विचारधारा से दूर-दूर का नाता नहीं है। वह 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर भाजपा में आए थे। पहले भी विवादों में रहे और बीजेपी में आने के बाद लगातार अपनी हरकतों से पार्टी को संकट में डालते रहे। 2022 में चुनाव होना है, ऐसे में उनकी वापसी कर राज्य इकाई ने खतरा मोल लिया है। राष्ट्रीय नेतृत्व से इसकी शिकायत होगी।
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2013 में राज्य के कैबिनेट मंत्री के घर पर आयोजित डिनर पार्टी में फायरिंग कर प्रणव सिंह चैंपियन सुर्खियों में आए थे। 2006 में उन पर एक रोडवेज बस के ड्राइवर पर फायरिंग का आरोप लगा था। 2010 में कर्नाटक के मंगलौर में फायरिंग करता वीडियो वायरल हुआ था। 2015 में हरिद्वार के पथरी में खनन को लेकर हुए विवाद में उन पर गांव वालों पर गोलियां चलाने का आरोप लग चुका है।
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