उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट के मसले पर एक बार फिर फैसला टल गया। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से समय मांगा है। मामले में अब 10 जनवरी को फैसला आएगा। एसआईटी की ओर से बीते नौ दिसंबर को अदालत में अर्जी लगाई गई थी जिसमें तीनों आरोपियों से उनकी सहमति मांगी गई थी।
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मंगलवार को गोलमोल जवाब मिलने और इस मामले में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत को आज 5 जनवरी को नार्को टेस्ट कराने अथवा न कराने पर अपना फैसला सुनाना था। वकील अजय पंत ने बताया कि वह इस केस में अभियोजन पक्ष के साथ हैं और अंकिता के पिता की ओर से पैरवी कर रहे हैं, लेकिन आज फैसला टल गया।
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इससे पहले 12 दिसंबर को हुई सुनवाई में तीन आरोपियों में से दो सौरभ और पुलकित ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नार्को टेस्ट के लिए सहमति दी थी, जबकि तीसरे आरोपी अंकित ने अदालत से 10 दिनों का समय मांगा था। इसके बाद 22 दिसंबर की सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों के वकील अमित ने अदालत के माध्यम से एसआईटी से सवाल किए कि वह टेस्ट चार्जशीट दाखिल करने के बाद करना क्यों चाहती है।
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पुलिस ने कोर्ट को इसके जवाब में बताया कि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराना इसलिए जरूरी है, क्योंकि आरोपियों ने वीआईपी गेस्ट की जानकारी छुपाई है। पुलकित के मोबाइल की जानकारी भी नहीं दी जा रही है।
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19 सितंबर को 2022 को यमकेश्वर के वनांतरा रिजॉर्ट से रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। 24 सितंबर को चीला पॉवर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भण्डारी का शव बरामद हुआ था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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