खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस के पकड़ से बाहर है। उसे पकड़ने के लिए पूरे देश में सर्च अभियान जारी है। अमृतपाल के खबी दिल्ली, तो कभी हरियाणा में देखे जाने की खबरें आई। अब बताया जा रहा है कि वह फिर से पंजाब पहुंच गया है। इसी बीच अमृतपाल ने एक वीडियो जारी किया है। 18 मार्च से फरार होने के बाद यह अमृतपाल का पहला वीडियो है। इस नए वीडियो में उसने सिख समुदाय को भड़काने की कोशिश करता दिख रहा है। अपने वीडियो संदेश में उसने अकाल तख्त के जत्थेदार से अनुरोध किया कि वह बैसाखी (13 अप्रैल) पर पंजाब को बचाने के लिए सरबद खालसा (सिखों की मण्डली) बुलाएं। उसने कहा कि अभी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब पुलिस पर हमला बोलते हुए अमृतपाल सिंह ने सिख युवकों की गिरफ्तारी की जमकर आलोचना की। वीडियो में, अमृतपाल सिंह ने कहा कि वह 18 मार्च को पुलिस से बचने में कामयाब रहा और वह सुरक्षित है।
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रिकॉर्डेड वीडियो में अमृतपाल सिख समुदाय से अपील कर रहा है कि देश और विदेश में जो भी सिख लोग हैं वो वैशाखी पर जो सरबत खालसा का कार्यक्रम होना है, उसमें हिस्सा लें। हमारी कौम लंबे वक्त से छोटे-छोटे मसलों पर मोर्चे लगाने में उलझी हुई है। अगर हमें पंजाब के मसलों को हल कराना है तो एकसाथ होना होगा। सरकार ने जिस तरह से हमारे साथ धोखा किया है, उसको ध्यान में रखना होगा। कई साथियों को पकड़ा गया है और एनएसए लगा है, मेरे कई साथियों को असम में भेज दिया गया है। इसलिए मैं सभी सिखों से अपील करता हूं कि बैसाखी के मौके पर इकट्ठे हों।
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40 मिनट के इस वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा कि उसके खिलाफ सरकार की कार्रवाई उसकी गिरफ्तारी के लिए नहीं बल्कि सिख समुदाय पर हमला थी। वीडियो में उसने यह भी कहा कि अगर सरकार उसे गिरफ्तार करना चाहती तो वह उसे घर से गिरफ्तार कर सकती थी। यह कहते हुए कि कोई उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता, अमृतपाल ने कहा कि उसे गिरफ्तार होने का डर नहीं है। वीडियो में अमृतपाल सिंह ने कहा, “मैं सारे सिखों से अपील करता हूं कि वो जहां-जहां भी मौजूद हैं, वो वैशाखी पर होने वाले सरबत खालसा में हिस्सा लेकर कौम के मुद्दों पर चर्चा करें। हमारे साथ हुकूमत ने जो ज्यादती की है उस पर वो बोलें। हमारे साथियों को जिस तरह से पकड़ा गया है उससे हम हताश नहीं हैं। हमें पता है कि ऐसा कुछ होना ही था।”
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पुलिस उसके अमृतसर में अकाल तख्त या तख्त दमदमा साहिब में आत्मसमर्पण करने की उम्मीद कर रही थी। इसी बीच यह वीडियो आया है। दोनों जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे पहले मंगलवार की रात होशियारपुर कस्बे के पास एक गांव में अमृतपाल सिंह और उसके आका पापलप्रीत सिंह ने एक बार फिर पंजाब पुलिस को चकमा दे दिया।
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एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि एक इनोवा वाहन को पुलिस ने एक नाके पर रोका, लेकिन वे अंधेरे में भागने में सफल रहे। उसमें अमृतपाल सिंह सहित तीन लोग सवार थे। पुलिस फगवाड़ा से कार का पीछा कर रही थी। कार बाद में फगवाड़ा-होशियारपुर मार्ग पर गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के पास लावारिस हालत में मिली, जिसमें सवार लोग पैदल भाग गए। पुलिस ने होशियारपुर जिले के गांवों की घेराबंदी कर दी है और घर-घर तलाशी अभियान चला रही है।
अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह का एक वीडियो मंगलवार को सामने आया था, जिसमें वो दिल्ली की एक गली में बिना पगड़ी और मास्क के घूम रहे हैं। एक दिन पहले राज्य के महाधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया था कि पुलिस अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के करीब है।
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हाई कोर्ट एक व्यक्ति द्वारा उसकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया था कि अमृतपाल सिंह जालंधर में अवैध हिरासत में है। महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, पंजाब एक संवेदनशील चरण से गुजर रहा है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है। इस तरह, दिए गए तर्कों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उठाए गए तर्कों तक ही सीमित होना चाहिए। दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एन.एस. शेखावत ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत दिखाने को कहा कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में है।
उन्होंने कहा कि राज्य का स्पष्ट रुख है कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से गिरफ्तारी से बच रहा है, अपना ठिकाना बार-बार बदल रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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