देश

उत्तर प्रदेश: उपचुनाव में साथ आ सकते हैं अखिलेश यादव और ओपी राजभर, सपा-सुभासपा गठबंधन के आसार

यूपी सरकार के खिलाफ लगातार बयान देने वाले राजभर को लोकसभा चुनाव के बाद योगी कैबिनेट से हटा दिया गया था। यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले राजभर और अखिलेश के बीच लंबी वार्ता के बाद कयास लगाया जा रहा है कि दोनों उपचुनाव में गठबंधन कर सकते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) नया साझेदार ढूंढ रही है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की अखिलेश यादव से मुलाकात को सपा-सुभासपा में गठबंधन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

उप्र में अभी तक हुए उपचुनाव में सपा को छोटे दलों के गठबंधन से काफी फायदा मिला है। साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या द्वारा खाली की गई क्रमश: गोरखपुर और फूलपुर सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इन सीटों पर सपा को जीत मिली थी।

Published: undefined

बीजेपी और प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार बयान देने वाले ओमप्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच लंबी वार्ता के बाद कयास लगाया जा रहा है कि दोनों पार्टी उपचुनाव में गठबंधन कर सकती हैं।

योगी सरकार में अनिल राजभर को पदोन्नति कर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है। बीजेपी का यह कदम ओम प्रकाश राजभर की कमी को भरने और राजभर वोटबैंक पर सेंध लगाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उधर, ओमप्रकाश राजभर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से आगे की रणनीति पर चर्चा की, ताकि राजभर वोटबैंक में सेंध न लगने पाए।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार का कहना है कि अखिलेश यादव के सामने कोई विकल्प नहीं बचा है। पार्टी में सलाह देने वाला कोई बड़ा नेता है ही नहीं। वहीं, ओमप्रकाश के पास भी सपा से गठबंधन के सिवा कोई उपाय नहीं है।

Published: undefined

उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश की राजभर वोटबैंक पर थोड़ी बहुत पकड़ जरूर है, लेकिन उनका पूरे प्रदेश में कोई असर नहीं है। उनका असर पूर्वाचल की कुछ सीटों तक ही सीमित है।

राजकुमार ने बताया कि बीजेपी ने उपचुनाव के लिए रणनीति बहुत ढंग से तैयार की है। ओमप्रकाश राजभर के मुकाबले में बीजेपी ने पहले ही अनिल राजभर को प्रोमोशन देकर उनके बरअक्स खड़ा कर दिया है। इसके अलावा पिछड़ा वोट बैंक मजबूत करने के लिए स्वतंत्रदेव को पहले ही प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। बीजेपी ने हर क्षेत्र में अलग-अलग मजबूत क्षत्रप खड़े कर दिए हैं जो उपचुनाव में इनके लिए मुफीद हो सकते हैं।

Published: undefined

सुभासपा के महासचिव अरुण राजभर ने कहा, "अभी समाजवादी पार्टी (सपा) से हमारी औपचारिक बात हुई है। हमारे नेता ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश से सार्थक मुलाकात की है। लेकिन अभी गठबंधन बनने में थोड़ी देर है। हम 27 अगस्त को पार्टी के पदाधिकारियों की घोषणा करेंगे। इसके बाद जनसभा में कार्यकर्ताओं से राय लेकर गठबंधन की ओर बढ़ेंगे।"

राजभर ने कहा, "अभी हमारी तीन सीटों पर लड़ने की रणनीति बनी है। ये हैं घोसी, अंबेडकर नगर की जलालपुर और बहराइच की बलहा सीट, जहां हमारा वोटबैंक भी है।"

Published: undefined

उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा को कुछ नहीं मिलेगा। इन्होंने पिछड़ों के साथ धोखा किया है। जितनी भागीदारी है, उतनी हिस्सेदारी नहीं दी है। बीजेपी पिछड़ों की बहुत हमदर्द बनती है, लेकिन पिछड़ों को दिया क्या है?

अरुण राजभर ने आगे कहा, "जब हम 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़े तब 35000 से 40000 हजार बिना संसाधन वोट पाए थे। हमारा बेस वोट भाजपाइयों ने ओमप्रकाश राजभर की फोटो लगाकर ले लिया था। इस बार हम लोगों को सचेत करेंगे।"

Published: undefined

वहीं, सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, "ओमप्रकाश राजभर की हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात हुई है। देखिए, आगे क्या होता है। यह राजनीति है, गठबंधन भी हो सकता है। इस पर निर्णय अखिलेश यादव लेंगे।"

दरअसल, योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से निकाले जाने के बाद ओमप्रकाश राजभर बदला लेने के मूड में हैं। इसलिए वह सपा के साथ गठबंधन कर उपचुनाव लड़ सकते हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजभर की पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, जिसमें उनके चार विधायक चुनाव जीते थे। पार्टी अध्यक्ष राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

लोकसभा चुनाव में सुभासपा को भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी थी। इसके बाद इनके बीच तनाव बढ़ा। लोकसभा चुनाव के बाद राजभर को योगी सरकार से बर्खास्त कर दिया गया। अब सपा-सुभासपा के बीच गठबंधन की संभावना तेज हो गई है।

Published: undefined

उपचुनाव की जरूरत क्यों?

लोकसभा चुनाव जीतकर उत्तर प्रदेश के 11 विधायक सांसद बन गए हैं। इसके अलावा घोसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं हमीरपुर के विधायक अशोक चंदेल को सजा होने के कारण उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। इसलिए अब 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया