अजमेर दरगाह कमेटी ने मंगलवार को नोटिस जारी कर दरगाह शरीफ से किसी भी तरह के बयान, नारे, फोटो और वीडियो जारी किए जाने पर रोक लगा दी है। यह नोटिस निजाम के गेट पर चस्पा किया गया है। नोटिस में कहा गया है, "गलत टिप्पणी, नारे और बयान दरगाह की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। दरगाह से विवादित टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
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यह ऐसे समय में आया है, जब मौलवियों द्वारा उठाए गए भड़काऊ बयान/नारे वायरल हो रहे हैं।
हाल ही में अजमेर में चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष और गद्दीनशीन-दरगाह अजमेर शरीफ, हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने 'इस्लामी विरोधी' और 'मानवता विरोधी' नारों की निंदा की थी।
उन्होंने कहा, "हम उन नारों की पूरी तरह से निंदा करते हैं जो इस्लाम विरोधी और मानवता विरोधी हैं। वे असली अपराधी हैं जो हिंसा, मौत और विनाश के नारे लगा रहे हैं।"
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चिश्ती ने कहा, "ऐसे नारे सुनने के लिए जो दरगाह अजमेर शरीफ से जुड़े नहीं हैं और कुछ लोग जिन्होंने ये नारे लगाए हैं - हम उनकी निंदा करते हैं और उनका पूरी तरह से बहिष्कार करते हैं। दुनिया को पता होना चाहिए कि इसका अजमेर दरगाह शरीफ या गरीब नवाज के समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है।"
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उन्होंने कहा, "इस तरह के नारे और हिंसा के आह्वान गैर-इस्लामिक, इस्लाम विरोधी, मानवता विरोधी और समाज विरोधी हैं। अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अनुकरणीय सजा दी जानी चाहिए। यह कट्टरपंथी विचारधारा का मुद्दा है।"
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मंगलवार का नोटिस और सलमान चिश्ती का निंदा वाला बयान पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर दरगाह के मौलवियों द्वारा जारी भड़काऊ बयानों के सिलसिले में आए हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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