हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों के चुनाव में चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद विजेता घोषित किए गए भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को कांग्रेस के अजय माकन ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चेलेंज किया है। हाईकोर्ट के बाहर अजय माकन ने कहा कि हमारा एक टिक किया हुआ वोट तो रद्द कर दिया गया, लेकिन उनके पक्ष में डाला गया एक वोट, जो रद्द होना चाहिए था, हमारी आपत्ति के बावजूद उसे सही करार दिया गया। इसकी वजह से हमारे वोट 30 की जगह 29 रह गए और निर्दलीय प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया गया। अजय माकन ने कहा कि यह गैर कांग्रेसी वोट था और उसे गलत तरीके से स्वीकार किया गया।
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अजय माकन एक से भी कम वोट से चुनाव हार गए थे। यदि कांग्रेस की आपत्ति को स्वीकार कर लिया जाता तो निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को हार का सामना करना पड़ता। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के बाहर अजय माकन ने कहा कि यह वोट निर्दलीय प्रत्याशी के नाम पर था। बैलेट पेपर में तय जगह पर संख्या नहीं लिखी गई थी। साथ ही यह ब्रीच ऑफ सीक्रेसी भी था। उनकी ओर से कांउटिंग के दौरान इस पर आपत्ति दर्ज करवाई गई थी कि इससे सीक्रेसी आउट हुई है। मगर उनकी सुनवाई नहीं की गई। अब इन्हीं पाइंट्स को लेकर उन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की है।
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अजय माकन ने कहा कि इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के पक्ष में वोट स्वीकार नहीं होना चाहिए था। अजय माकन ने यह साफ किया कि यह किसी कांग्रेस विधायक का वोट नहीं था। जिस जगह पर एक, दो, तीन लिखा जाना चाहिए था उसकी जगह गलत स्थान पर यह लिखा गया था। अब उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा।
अजय माकन ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक का जो वोट रद्द हुआ था वह किरण चौधरी का है। किरण चौधरी ने बताया था कि मैंने तो टिक किया है। हमने बैलेट पेपर भी चेक किया था। किरण चौधरी ने बैलेट पेपर पर टिक किया था। अब उन्होंने यह जानबूझकर किया या गलती से किया, यह उन्हें ही बताना है। यह गलती भी हो सकती है। अजय माकन ने कहा कि हमारे अधिकारिक एजेंट ने कहा था कि हमारे पास 30 वोट पड़े हैं। अधिकारिक एजेंट को हर वोट दिखाया जा रहा था, जबकि 29 वोट निकले। इससे भी नुकसान हुआ। भाजपा जब पूरा चुनाव रद्द करवाने में जुटी हुई थी तब भी हम आश्वास्त थे कि हमारे पास 30 वोट हैं। ऐसे में अब हो सकता है कि उनकी भी गलती रही हो। दोनों की गलतियां एक साथ सांख्यिकीय तौर पर असंभव लगती हैं। दोनों को आमने-सामने बैठकर बताना होगा कि किसने गलती की और किसने जानबूझकर की।
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गौरतलब है कि हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव में विधायकों की संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के अजय माकन और भाजपा के कृष्ण पवार की जीत तय मानी जा रही थी। लेकिन अंतिम वक्त में बीजेपी ने जजपा के समर्थन के साथ निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को भी चुनाव में उतार दिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के पुत्र कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरते ही यह साफ हो गया था कि चुनाव में खेला होगा, क्योंकि कार्तिकेय के पास जीतने लायक विधायकों का समर्थन नहीं था। हरियाणा विस में 90 विधायक हैं। एक विधायक के वोट की वैल्यू 100 है। कांग्रेस का एक वोट रद्द हो गया था और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने किसी को वोट नहीं दिया। इसके बाद बचे 88 वोट काउंट होने के हिसाब से भाजपा के कृष्ण लाल पंवार को जीत के लिए 29.34 वोट चाहिए थे, लेकिन उन्हें 31 वोट मिले थे। उनके हिस्से में ज्यादा आए 1.67 वोट निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को चले गए। लिहाजा, कार्तिकेय के वोट 29 हो गए और कांग्रेस का एक वोट रद्द हो जाने से माकन को भी 29 वोट मिले थे। इस हिसाब से भाजपा उम्मीदवार को 2934 वैल्यू वोट, कार्तिकेय शर्मा को 2966 और माकन को 2900 वैल्यू के वोट मिले। इसके आधार पर भाजपा प्रत्याशी के साथ कार्तिकेय को .66 वोट वैल्यू से विजयी घोषित कर दिया गया था।
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