एयर इंडिया की हालत बद से बदतर होती जा रही है। मोदी सरकार इस सरकारी एयरलाइंस को बेचने की हर संभव कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक कोई खरीददार नहीं मिला है। वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी का भी कहना है कि एयर इंडिया बेहद चुनौतीपूर्ण वित्तीय स्थिति का सामना कर रही है।
यही वजह है कि नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने एयर इंडिया की अवैतनिक छुट्टी (एलडब्ल्यूपी) की योजना को "कर्मचारियों और प्रबंधन दोनों के लिए अच्छा" बताया है। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया ने एक भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला है, जबकि कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी करके लागत में कटौती की है। राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम को लिखे पत्र में पुरी ने एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति और एलडब्ल्यूपी योजना को लेकर स्पष्टीकरण दिया।
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पुरी ने कहा कि "एयर इंडिया बेहद चुनौतीपूर्ण वित्तीय स्थिति का सामना कर रही है।" साथ ही एयरलाइन अपने परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल भी कर रही है।
बता दें कि एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जून 2020 के वेतन का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण दुनिया भर में एयरलाइन उद्योग अभूतपूर्व वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
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पुरी ने कहा कि एलडब्ल्यूपी योजना ने कर्मचारियों को कंपनी के साथ अपने रोजगार को बनाए रखते हुए ऑफिस की जिम्मेदारियों से कुछ समय के लिए मुक्त होने की सुविधा दी। इस योजना ने कर्मचारियों को प्रबंधन की स्वीकृति के साथ अवकाश के दौरान वैकल्पिक रोजगार करने का अवसर भी दिया।
पुरी ने कहा, "यह योजना प्रबंधन और कर्मचारियों दोनों के लिए एक अच्छी है क्योंकि यह कर्मचारियों को लचीलापन प्रदान करती है और कंपनी के वेतन की जिम्मेदारियों को कम करती है।"
उन्होंने बताया कि पहले भी एयर इंडिया एलडब्ल्यूपी पॉलिसी ला चुकी है, इस बार सिर्फ अंतर इतना है कि कंपनी के सीएमडी कर्मचारियों को छुट्टी पर जाने के लिए एक आदेश पारित कर सकते हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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